निवेश का मकसद द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को मजबूत बनाना
नई दिल्ली, 23 मार्च ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को कहा कि स्कॉट मॉरिसन सरकार भारत के साथ
सहयोग बढ़ाने के लिए 28 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश करने जा रहा है। इसका मकसद दोनों देशों के आर्थिक
सहयोग को सशक्त बनाना, व्यापार में तेजी लाना और रोजगार में इजाफा करना शामिल है।
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन टेहन ने कहा कि निवेश का मकसद द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग
को मजबूत बनाने, द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने और निवेश में सुधार लाना है।
भारत के साथ हमारी सहभागिता बेहद अहम
श्री टेहन ने कहा, “भारत और ऑस्ट्रेलिया साझा मूल्यों, पूरक अर्थव्यवस्थाओं को साझा करते हैं। साथ ही दोनों ही
जगहों के लोगों के बीच संबंध भी मजबूत हैं, जो हमें आदर्श भागीदार बनाते हैं।
उन्होंने कहा, “भारत के साथ हमारी सहभागिता बेहद अहम है क्योंकि हम दोनों देश मजबूत, सतत आर्थिक विकास
और अधिक सुरक्षित और विविध व्यापार और निवेश और आपूर्ति के लिए लगातार प्रयासरत हैं।”
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वर्ष 2020 में भारत ऑस्ट्रेलिया का सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था,
जिसके बीच आयात और निर्यात व्यापार 24.3 अरब डॉलर रहा।
भारत सेवाओं के निर्यात के लिए ऑस्ट्रेलिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार
इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया भारत का छठा सबसे
बड़ा माल और सेवा निर्यात 16.9 अरब करोड़ डॉलर था। वर्ष 2020 में भारत सेवाओं के निर्यात के लिए ऑस्ट्रेलिया
का तीसरा सबसे बड़ा बाजार था।
श्री टेहान ने कहा, “सरकार भारत की आर्थिक रणनीति और इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा
लक्ष्य 2035 तक भारत को हमारे शीर्ष तीन निर्यात बाजारों में सम्मिलित करना और एशिया में ऐसा तीसरा सबसे
बड़ा गंतव्य बनाना है, जहां ऑस्ट्रेलिया के अलावा भी दूसरे देशों का निवेश शामिल हो।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री श्री मॉरिसन ने सोमवार को भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे
वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।
दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा की गई और क्षेत्रीय
एवं वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।