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गाजियाबाद, 05 मार्च  कोरोना संक्रमण का फैलाव कम होने और बदलते मौसम के साथ ही अब डेंगू
पर वार को लेकर मलेरिया विभाग तैयारी में जुट गया है।

डेंगू की रोकथाम को लेकर प्लानिंग बनाई जा रही है।
विभाग की मानें तो सबसे पहले ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां अधिक सतर्कता बरती जाएगी, जहां बीते वर्ष डेंगू
के मामलें अधिक संख्या में मिले थे।

बीते वर्ष 1500 से अधिक केस सामने आए थे।
अधिकांश बार यह देखा जाता है कि डेंगू मामलो का आना मानसून बाद शुरू होता है।

बरसात का पानी भर जाने से
डेंगू का लार्वा पनपे की अधिक संभावना होती है। लेकिन, इस बार बरसात से पूर्व ही डेंगू ने दस्तक दे दी है।

बीतें
दिनों 16 वर्षीय एक किशोर में डेंगू की पुष्टि होने के बाद उसे जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

राकेश मार्ग निवासी किशोर को भर्ती होने के दौरान 4 यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया।

वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो डेंगू
लार्वा को यदि नष्ट ना किया जाए तो वह कई साल तक निष्क्रिय पड़ा रहता है।

स्वच्छ पानी मिलने पर यह फिर
सक्रिय हो जाता है।

हिंडन पार क्षेत्र में 8 टीमें करेंगी कार्य
डेंगू पर वार करने के लिए पहली बाद हिडंन पार क्षेत्र में अस्थाई केंद्र बनाया जाएगा।

इसमें 8 टीमें कार्य करेंगी।
जो वसुंधरा, वैशाली, राजेंद्रनगर, साहिबाबाद, इंदिरापुरम अन्य क्षेत्र को कवर करेंगी।

इस दौरान टीमें लार्वा की जांच,
लोगों को जागरूक करने और एंटी लार्वा दवा का छिडक़ाव भी करेंगी।

इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में भी 12 टीमों का
गठन किया गया है।

विभाग है अलर्ट, किया जाएगा नियंत्रित
जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा ने बताया कि अभी मच्छरों के लिए वातावरण नहीं है।

लेकिन, अभी से
विभाग सतर्कता बरत रहा है। डेंगू का प्रकोप फैलने से पूर्व तैयार की जा रही योजना के आधार पर कार्य करते हुए
इसे नियंत्रित किया जाएगा।

अभी योजना तैयार की जा रही है। हालांकि, इस बार बीते वर्ष जो क्षेत्र डेंगू से अधिक
प्रभावित रहें उन्हें लेकर अधिक सतर्कता बरती जाएगी।

हिंडन पार समेत अन्य क्षेत्रों में अस्थाई नियंत्रण केंद्र भी
बनाए जाएंगे।