Homeदेश की खबरेंएसडीएम प्रशासन आलोक गुप्ता ने गैंगेस्टर को कब्जा करवा दिया

एसडीएम प्रशासन आलोक गुप्ता ने गैंगेस्टर को कब्जा करवा दिया

लूट, हत्या, गैंगेस्टर तथा भू माफिया से सुशोभित अपराधियों के हाँथो स्वः को 25 लाख में बेचा

ग्रेटर नोएडा। दादरी तहसील। दादरी तहसील अधिकारिता क्षेत्र अंतर्गत न्याय, शहंशाह ए अपराध के दरबार में किसी अनारकली की तरह बेबशी के ठुमके लगाता नज़र आ रहा है। अनैतिक धन लोलुप शहंशाह आलम एसडीएम आलोक गुप्ता कदाचित भाँग के नशे में निज धन लाभ के वशीभूत न्याय प्रक्रिया को अनदेखा कर, किसी गरीब की जमीन पर हत्या, लूट, चोरी, गैंगेस्टर, एनएसए की धाराओं से सुसज्जित माफियाओं का बोर्ड, एव तारबन्दी करवाकर गैंगेस्टर को कब्जा करवा दिया- तथा, न्याय की देवी को अनारकली की तरह जुर्म की दीवार में जिन्दा चुनवा दिया है?

गैंगेस्टर को कब्जा करवा

एसडीएम आलोक गुप्ता की भू माफियाओं व गैंगेस्टर के साथ साठगाँठ

विश्वस्त सूत्रों से जानकारी एव प्राप्त साक्ष्यों से ज्ञात है कि, ग्राम हैबतपुर माजरा के खसरा संख्या 330 में सुरेंद्र यादव, असरफी देवी, अनुभव गुप्ता आदि ने वर्ष 2011 में बहलोलपुर निवासी किसान की पैतृक भूमि का बैनामा व दाखिल खारिज करवाकर कर काबिज थे कि, वर्ष 2014 में दिल्ली निवासी विवेक दहिया द्वारा गाजियाबाद निवासी भू माफियाओं व गैंगेस्टर के साथ साठगाँठ कर खसरा संख्या 329 के कागजात मात्र की व्यवस्था की जाती है, जिसके किसान का भी पता नहीं, अर्थात किसान जीवित है या म्रत कुछ कहा नहीं जा सकता है, के मात्र दस्तावेज के आधार पर, खसरा संख्या 330 की जमीन पर निगाहें गढ़ा दी जाती हैं।

गैंगेस्टर को कब्जा करवा

बिना  वैधानिक प्रक्रिया, बिना किसी जाँच गैंगेस्टर को कब्जा करवा दिया

आखिर वर्ष 2021 में विवेक दहिया एव गंगेस्टरों को यह अवसर एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता के रूप में मिल ही जाता है। विवेक दहिया एव गैंगेस्टर पार्टी एसडीएम न्यायिक के न्यायालय में उ0प्र0 राजस्व अधिनियम 2006 के संशोधित अधिनियम 2016 की धारा 24 में पैमाइश का मुकदमा चलाते हैं,

दूसरी तरफ एसडीएम प्रशासन आलोक गुप्ता को एक रास्ता विवाद का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हैं, तथा एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया, बिना किसी जाँच, नक्सा देखे, रास्ता विवाद को सुलझाने हेतु, सीधे टीम गठित कर, सुरेंद्र आदि की भूमि खसरा संख्या 330 पर कब्जा करवा देते हैं जबकि, उनकी समानांतर एसडीएम न्यायिक के न्यायालय में वाद लम्बित है।

क्या एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता भाँग के नशे में सही गलत समझने में असमर्थ ?

 

गैंगेस्टर को कब्जा करवा

अब दो ही बातें हो सकती हैं कि, या तो एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता भाँग के नशे में सही गलत समझने में असमर्थ रहे या फिर सूत्रों की माने तो,एसडीएम आलोक गुप्ता प्रधानमंत्री से प्रेरित आपदा को अवसर में बदलकर लूट, हत्या, गैंगेस्टर तथा भू माफिया की धाराओं से सुशोभित अपराधियों के हाँथो स्वः को 25 लाख में बेंच दिया?

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बहराल, सच क्या है जाँच का विषय है, वैसे अब तक एसडीएम आलोक गुप्ता के विषय मे जितना सुना काफी कम है।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ0 वी0के0सिंह की रिपोर्ट

 

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