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छह अप्रैल तक कॉलेज में फॉर्म जमा कर सकेंगे

नोएडा, 27 मार्च  चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने यूजी-पीजी रेगुलर व प्राइवेट में परीक्षा फॉर्म की
अंतिम तिथि बढ़ाकर पांच अप्रैल कर दी है। इससे जिले के सैकड़ों छात्रों को राहत मिली है।

अब वह अपने कोर्स से
संबंधित वार्षिक परीक्षा के लिए छह अप्रैल तक कॉलेज में फॉर्म जमा कर सकेंगे। कॉलेजों को छात्रों के फॉर्म 7
अप्रैल तक विश्वविद्यालय में जमा कराने होंगे।

नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय में इस सत्र की परंपरागत
पाठ्यक्रम की परीक्षा सेमेस्टर प्रणाली के तहत हो रही है।

छात्रों से समय पर फार्म भरने के लिए कहा

लेकिन अब अध्ययनरत छात्रों की परीक्षा वार्षिक प्रणाली
के तहत ही होगी।

सेक्टर-39 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य एवं क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी
मेरठ डॉ. राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि छात्रों से समय पर फार्म भरने के लिए कहा गया है।

वैदिक गणित में
डिप्लोमा कोर्स के विषम सेमेस्टर के परीक्षा फॉर्म 31 मार्च तक भरे जाएंगे। एक अप्रैल तक भरे हुए फॉर्म विभाग में
जमा होंगे।

बैक पेपर का मौका, लेकिन सारे कोड जरुरी
विवि के अनुसार मुख्य परीक्षा 2021 में शामिल स्नातक द्वितीय-तृतीय वर्ष एवं पीजी फाइनल में जो छात्र कोविड
के कारण शामिल हो पाए थे उन्हें एक मौका दिया जा रहा है।

स्थितियां सामान्य होने से सभी पेपर तीन घंटे के होंगे

ऐसे छात्र बैक फॉर्म भर सकते हैं। हालांकि ऐसे छात्रों
को मुख्य परीक्षाओं में भी समस्त कोड के पेपर देने होंगे।

पिछले साल कोरोना के चलते कोई एक कोड का पेपर
देने की छूट मिल गई थी जो इस बार से खत्म कर दी गई है।

पीजी प्राइवेट प्रथम वर्ष की परीक्षा में बैक पेपर से
छूटे छात्रों को विवि ने इस साल फिर शामिल होने की अनुमति दी है। ऐसे छात्र इस वर्ष 2020 का बैक भी दे
सकते हैं।

सभी पेपर तीन घंटे के, सवाल भी पूरे
कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण एवं स्थितियां सामान्य होने से सभी पेपर तीन घंटे के होंगे।

वस्तुनिष्ट पेपर में सवालों
की संख्या सौ रहेगी। पिछले साल तक केवल 75 सवाल पूछे गए थे।

पेपर देने वालों को मिलेंगे अधिक अंक
स्नातक प्रथम वर्ष में केवल दो पेपर होने और इसके बाद कोविड के चलते प्रमोशन होने पर विवि ने फैसला कर
दिया है इन दोनों पेपर में अनेक छात्र पेपर नहीं दे पाए थे अथवा पेपर हो गए।

विवि के अनुसार जो छात्र इन दोनों
पेपर में फेल हो गए या अनुपस्थित थे

उन्हें द्वितीय वर्ष में संबंधित पेपर में मिले अंकों के आधार पर प्रथम वर्ष
के दोनों पेपर में नंबर मिलेंगे।

जो छात्र देानेां परीक्षाओं में पास थे उन्हें प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में से जो भी
अधिकतम हों, के नंबर मिलेंगे।