टाटा मोटर्स को ई-एस से रफ्तार
मुंबई, 07 मई । टाटा मोटर्स का मानना है कि साल 2030 तक उसके छोटे वाणिज्यिक वाहनों में
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की पैठ 25 से 30 फीसदी हो जाएगी।
कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इंट्रा-सिटी
श्रेणी में बैटरी से चलने वाले वाहनों की उपलब्धता से इस बदलाव को रफ्तार मिलेगी।
टाटा समूह की प्रमुख कंपनी ने पिछले दिनों एस ईवी का अनावरण किया। कंपनी इस मॉडल की डिलिवरी सितंबर
तिमाही से शुरू करेगी क्योंकि उसकी नजर ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा दूरदराज के इलाकों में डिलिवरी के लिए
इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की बढ़ती मांग पर है। टाटा मोटर्स सालाना 1,50,000 एस की बिक्री करती है।
इसमें से सालाना करीब 20,000 वाहनों की खरीद ई-कॉमर्स कंपनियां करती हैं।
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा,;फिलहाल मांग और आपूर्ति के बारे में
कुछ भी पता नहीं है लेकिन छोटे वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में इसकी 25 से 30 फीसदी पैठ को देखना कोई अचरज
की बात नहीं होगी।; उन्होंने कहा कि एस ईवी कंपनी के वाणिज्यिक वाहन कारोबार में एक नई शुरुआत है। करीब
17 साल पहले एस को विकसित करने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
यह एक एसा मॉडल है जिसने दूरदराज के
इलाकों में डिलिवरी वाली श्रेणी में कई मायनों में क्रांति पैदा कर दी थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन कारोबार को भी यात्री वाहन कारोबार की तरह एक अलग
कंपनी के तौर पर स्थापित करते हुए रकम जुटाने की योजना है,
वाघ ने कहा कि टाटा मोटर्स के यात्री वाहन
कारोबार ने संभावनाओं को प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा,
फिलहाल हम क्षमता निर्माण और कारोबार को मजबूत
करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इससे मूल्यांकन लगातार बढ़ता रहेगा।
इसलिए हम उसे किसी पड़ाव के तौर पर नहीं
देख रहे हैं।