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ठंड में तेज गर्म पानी से नहाना सेहत के लिए ठीक नहीं

ठंड में तेज गर्म पानी से नहाना सेहत के लिए ठीक नहीं

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ठंड अब तेज होते जा रही हैं। दोपहर को छोड़ दें तो सुबह और शाम कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। ऐसे में गीजर का गर्म पानी अच्छा लगने लगा हैवाटर हीटर की डिमांड बढ़ गई है। कॉस्मेटिक प्लास्टिक सर्जन बताते हैं कि हल्के गुनगुने पानी से नहाना ठीक है लेकिन तेज गर्म पानी से नहाना सेहत के लिए ठीक नहीं है।अगर पानी अधिक गर्म है तो इससे स्किन पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं।इचिंग हो सकती है। स्किन बर्न भी हो सकती है। यह वैसा ही होता है जैसे सन बर्न होता है। इससे स्किन का मॉइश्चर खत्म होने लगता है। स्किन में जो नेचुरल ऑयल, फैट और प्रोटीन होते हैं वह कम होने लगता है।

गर्म पानी से आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है

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ठंड में स्किन ड्राई होने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।डॉ. विक्रांत बताते हैं कि आयुर्वेद में कहा गया है कि नहाते समय सिर पर ठंडा पानी डालना चाहिए जबकि शरीर के अन्य हिस्सों पर गुनगुना पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। बार लोग गीजर का टेंपरेचर सेट नहीं करते। अगर यह हमारे शरीर के तापमान से काफी अधिक है तो इससे आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे इंज्युरी को थर्मल इंज्युरी कहते हैं। ठंड में  यदि आंखें सीधे गर्म पानी के संपर्क में आती हैं तो इससे थर्मल नेक्रोसिस हो सकता है।यदि किसी को ब्लड प्रेशर है या कार्डियो से जुड़ी बीमारी है तो उन्हें गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए।

गर्म पानी से नहाने पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है

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इसकी जगह पर गुनगुना पानी का इस्तेमाल कभी-कभी किया जा सकता है।गर्म पानी से नहाने पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।वैज्ञानिकों ने अपने शोध में बताया है कि गर्म पानी से नियमित रूप से नहाने से स्पर्म सेल्स ओवरहीट हो जाते हैं। चार से पांच सप्ताह के अंदर स्पर्म काउंट काफी घट जाता है। ऐसे में पुरुषों में नपुंसकता बढ़ने का खतरा होता है।चूंकि विंटर में ठंड अधिक रहती है इसलिए दूसरे सीजन के मुकाबले नहाने के पानी का तापमान अधिक होना चाहिए। नहाने के पानी का तापमान वह होना चाहिए जो शरीर के तापमान के करीब हो।

गर्म पानी से एक्जिमा की बीमारी हो सकती है

मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस होता है।इसलिए विंटर में 40 से 45 डिग्री सेल्सियस टेंपेरेचर वाला पानी को हमारा शरीर एडजस्ट कर लेता है। अगर गर्म पानी का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है तो वो आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है।काफी देर तक इतने गर्म पानी से नहाने पर सेहत बिगड़ सकती है। स्किन में एक्जिमा की बीमारी भी हो सकती है।अगर पानी 60-70 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होता है इससे आपकी स्किन और बालों को नुकसान पहुंच सकता है।सर्दी के मौसम में करीब सभी लोग गुनगुने पानी से नहाते हैं, जो ड्राइनेस को और ज्यादा बढ़ाता है।

 गुनगुने पानी में सेब का सिरका मिला के नहायें

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इस परेशानी से बचने के लिए गुनगुने पानी में एक से डेढ़ कप सेब का सिरका मिला लें अगर आप बाथ टब में नहा रहे हैं तो दो से तीन कप सिरका मिलाएं और फिर नहायें। सिरका के पानी से स्नान करने के बाद दोबारा नॉर्मल पानी से नहाने की जरूरत नहीं है।हो सके तो नहाने के बाद स्किन को पोंछे नहीं बल्कि सूखने दें और हल्का सूखने पर ही लोशन या तेल लगाएं।किसी भी बॉडी पार्ट में रैशेज ज्यादा हैं तो सेब के सिरके में रुई भिगोकर उस जगह पर लगाएं और 15 से 20 मिनट बाद धो लें।सर्दी के मौसम में स्किन पर लगाने के लिए सरसों का तेल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। Director Finance Jobs in IOCL 2023 Careers

नहाने के बाद सरसों के तेल से मालिश करें

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चेहरे और गर्दन को छोड़कर पूरे शरीर पर सरसों के तेल से मालिश करें। यह भी बेहतर रहेगा कि आप नहाने ठंड में के बाद इस तेल को लोशन की तरह बॉडी पर लगाएं और फिर कपड़े पहनें।सर्दी के मौसम में वैसे तेल का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमें पानी की मात्रा बिल्कुल नहीं हो। सरसों का तेल नहाने के पहले शरीर पर लगाना बेहतर है।सरसों के तेल में एंटी ऑक्सीडेंट्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ई भरपूर पाया जाता है। कई बार लोग तेल खूब गर्म कर लगाते हैं।लेकिन यह सही नहीं है। गर्म तेल से स्किन पर बुरा असर पड़ता है।

स्किन के छोटे-छोटे छिद्र सिकुड़ कर बंद हो जाते हैं।इसलिए सुबह में धूप ठीक निकले तो तेल से भरी कटोरी धूप में रखनी चाहिए। इससे नेचुरल रूप से तेल गर्म होता है।

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