डॉ. अरविंद गोयल

डॉ. अरविंद गोयल बने कलयुग के दानवीर कर्ण, 600 करोड़ रुपये जिंदगी भर की कमाई गरीबों को कर दी दान

डॉ. अरविंद गोयल बने कलयुग के दानवीर कर्ण

दानवीर कर्ण को आज भी दुनिया का सबसे बड़ा दानी माना जाता है। कहते हैं स्नान के बाद कर्ण से जो भी भिक्षा में मांगा जाता था वो उसे दे देते थे। महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए भगवान कृष्ण ने बड़ी चतुराई से कर्ण से उनका कवच और कुंडल दान में मांग लिया था। खैर यहां बात महाभारत के कर्ण की नहीं बल्कि कलयुग के कर्ण की है। हम आपको एक ऐसे  दानवीर डॉ. अरविंद गोयल के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने जीवन की सारी कमाई करीब 600 करोड़ हंसते हुए दान कर दी है। ये हैं

डॉ. अरविंद गोयल

मुरादाबाद के उद्योगपति डॉ. अरविंद गोयल जिन्होंने अपनी पूरी संपत्ति गरीबों को दान दे दी है। डॉ. अरविंद गोयल की दान की गई संपत्ति का मूल्य लगभग 600 करोड़ रुपये है। ऐसा कोई दूसरा उदाहरण दूर-दूर तक नहीं दिखता जहां एक व्यक्ति ने जीवन भर कड़ी मेहनत से सैकड़ों करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया। फिर उसे एक पल में दान कर दिया। डॉ. अरविंद गोयल ने गरीबों और अनाथों की शिक्षा और चिकित्सा के लिए अपनी कमाई राज्य सरकार को देने का ऐलान किया है।

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मुरादाबाद के सिविल लाइंस में डॉ. अरविंद कुमार गोयल का बंगला है। बस यही बंगला डॉ गोयल ने अपने पास रखा है। सोमवार की रात जैसे ही उन्होंने अपना सब कुछ दान करने की घोषणा की, वैसे ही पूरे शहर में उनकी होने लगी। मंगलवार सुबह से ही लोग उनके बंगले पर जमा होने लगे।

डॉ अरविंद गोयल के फैसले में पत्नी और बच्चों का भी समर्थन

डॉ अरविंद गोयल

 डॉ. अरविंद गोयल के परिवार में उनकी पत्नी रेणु गोयल के अलावा उनके दो बेटे और एक बेटी है। उनके बड़े बेटे मधुर गोयल मुंबई में रहते हैं। छोटा बेटा शुभम प्रकाश गोयल मुरादाबाद में रहता है और अपने पिता को समाज सेवा और व्यवसाय में मदद करता है।

इस घटना ने बदल दी जिंदगी

संपत्ति दान करने के फैसले को लेकर डॉ. अरविंद गोयल ने कहा कि उन्होंने 25 साल पहले ही अपनी सारी संपत्ति दान करने का फैसला कर लिया था। उस वक्त एक घटना का जिक्र करते हुए डॉ गोयल ने कहा कि दिसंबर का महीना था और वो ट्रेन से कहीं जा रहे थे। उन्होंने देखा कि सामने एक आदमी ठंड से ठिठुर रहा है। उसके पास ना कोई कंबल था ना पैरों में चप्पल। डॉ गोयल ने कहा कि मैने उसे अपने जूते दे दिए लेकिन ठंड की वजह से मुझसे भी रहा नहीं गया।

बतौर डॉ. अरविंद गोयल ‘उस रात मैने सोचा कि कितने लोग ठंड में ठिठुरते होंगे। तब से मैने गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करने की कोशिश शुरू की। मैने काफी तरक्की की है लेकिन जीवन का कोई भरोसा नहीं है। इसलिए अपने जीवित रहते अपनी संपत्ति सही हाथों में सौंप रहा हूं। ताकि ये किसी जरूरतमंद के काम आ सके। मैने अपनी संपत्ति दान करने के लिए जिला प्रशासन को चिट्ठी लिखी है।’

क्रांतिकारी माता-पिता के बेटे हैं डॉ. गोयल

 डॉ. अरविंद गोयल के पिता प्रमोद कुमार गोयल और मां शकुंतला देवी स्वतंत्रता सेनानी थे। यही नहीं उनके बहनोई मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। डॉ गोयल के दामाद सेना में कर्नल और ससुर जज रह चुके हैं।

चार राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित

 डॉ. अरविंद गोयल को उनके सामाजिक कार्यों के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सम्मानित कर चुके हैं।

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देश भर में सैकड़ों अनाथालय और स्कूल चलाते हैं डॉ गोयल

डॉ. गोयल पहले से भी समाज सेवा के कार्यों को लेकर प्रसिद्ध हैं।  उनकी मदद से देश भर में पिछले 20 साल से सैकड़ों वृद्धाश्रम, अनाथालय और मुफ्त स्वास्थ्य केंद्र चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा उनकी मदद से चल रहे स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा भी दी जा रही है। कोविड लॉकडाउन में भी उन्होंने करीब 50 गांवों को गोद लेकर लोगों को मुफ्त भोजन और दवा उपलब्ध कराई थी।