“पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाली तकलीफ के बारे में जागरूकता बेहद जरूरी है। हालांकि इस बारे में अब बात होने लगी है। सैनिटरी पैड बनाने वाले कई ब्रांड्स अपने विज्ञापन के माध्यम से महिलाओं की पीरियड्स संबंधी समस्याओं को लोगों के सामने रख रहे हैं।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को सफाई और पौष्टिक आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लेकिन महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर अभी और जागरूकता की जरूरत है।
सबसे पहले महिलाओं को खुद इसकी जानकारी होनी चाहिए कि पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग होता है, जिसकी वजह से वो गुस्सा या चिड़चिड़ापन महसूस कर सकती हैं। जब महिलाओं को इसके बारे में पता चल जाएगा, तो वो अपने व्यवहार को कंट्रोल कर सकेंगी।
पीरियड्स के दौरान पति-पत्नी दोनों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। पत्नी को गुस्से या चिड़चिड़ेपन पर कंट्रोल करने के लिए अपना ध्यान दूसरे कामों में लगाना चाहिए। इस दौरान महिलाएं ऐसे काम कर सकती हैं, जिससे उन्हें खुशी मिले। साथ ही अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए।
पति को भी पत्नी के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और बीवी का मूड स्विंग होने पर माहौल को हल्का बनाने की कोशिश करनी चाहिए। हर महीने की इस समस्या को पति-पत्नी दोनों मिलकर आसानी से हल कर सकते हैं।”