जयपुर, 08 अप्रैल केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन
(जेजेएम) के तहत केंद्रीय अनुदान के रूप में 32,608
करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत
2,167 करोड़ 08 राज्यों एवं 03 केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटित किए गए हैं। इससे इन राज्यों में जेजेएम के कार्य
तेजी से आगे बढ़े हैं।
केंद्रीय मंत्री शेखावत शुक्रवार को जयपुर में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर 08 राज्यों
और 03 केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे।
सम्मेलन में
गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उतराखंड, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, दमन
एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली सहित 08 राज्य और 03 केंद्रशासित प्रदेशों ने भाग लिया।
शेखावत ने कहा
कि गोवा, दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली पहले ही हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त कर चुके हैं।
पंजाब
99 प्रतिशत और हिमाचल प्रदेश 93 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं और शेष राज्य विभिन्न प्रगति के स्तरों पर
हैं।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने जोधपुर जिले के मूल निवासी के रूप में अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए
कहा कि राजस्थान मरू प्रदेश है।
यहां पीने के पानी का प्रबंध करने के लिए महिलाओं को कई किलोमीटर तक
प्रतिदिन पैदल चलना पड़ता है। राजस्थान,
उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे बड़े राज्यों को जल जीवन मिशन में अपने लक्ष्य
को प्राप्त करने के लिए तेज गति से कार्य करना होगा।
इस मिशन में जितनी बड़ी चुनौती है, उतनी ही तेज गति
से कार्य करना होगा। इस मिशन में जन सहभागिता का होना आवश्यक है।
सभी स्थानीय लोगों को इसकी
जिम्मेदारी लेनी होगी। जन आंदोलन के रूप में कार्य करने पर ही हम शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता, मात्रा, निरंतरता एवं पहुंच पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जब जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को शुरू किया गया था तब
केवल 16.75 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास नल के पानी के कनेक्शन थे।
पिछले 2 वर्षों में कोविड महामारी के
कारण हुए व्यवधानों के बावजूद हम अधिक लक्ष्य प्राप्त करने में कामयाब रहे। देश को यह कहते हुए गर्व होता है
कि भारत के सभी जिलों ने खुद को 2 अक्टूबर 2019 को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है।
सुजलम
2.0 अभियान लोगों की भागीदारी के माध्यम से ग्रे वाटर का प्रबंधन करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
अभियान के तहत हम समुदायों, पंचायतों, स्कूलों, आंगनवाड़ी जैसे संस्थानों को ग्रे वाटर प्रबंधन के लिए जुटाने की
योजना बना रहे हैं। ग्रे वाटर का सबसे अच्छा प्रबंधन वहीं किया जा सकता हैै
जहां से यह उत्पन्न होता है।
शेखावत ने कहा कि 15वें वित आयोग में वित्तवर्ष 2022-23 में स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को
7632 करोड रुपये की राशि आवंटित की गई है।
शेखावत ने अपराह्न के सत्र में विषय विषेषज्ञों द्वारा कार्यों की
गुणवता, ग्रे वाॅटर प्रबंधन, स्रोत स्थिरता उपायों आदि के महत्वपूर्ण पहलुओं पर तकनीकी विशेषज्ञों से चर्चा की।