प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता की
बर्लिन/नई दिल्ली, 02 मई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज से
सोमवार को मुलाकात की जिसमें दोनों नेताओं के बीच सामरिक,
क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का
आदान प्रदान होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में सोमवार को सुबह जर्मनी पहुंचे। अपनी यात्रा के
दौरान मोदी डेनमार्क और फ्रांस भी जायेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की यूरोप यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हो रही है जिसको लेकर रूस के खिलाफ लगभग पूरा यूरोप
एकजुट है।
बर्लिन पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने चांसलर कार्यालय (चांसलरी) के प्रांगण में सलामी गारद का निरीक्षण किया
जहां वे चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ बातचीत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘भारत-जर्मनी सहयोग का विस्तार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चांसलर ओलाफ
शॉल्ज ने बर्लिन में मुलाकात की।”
प्रधानमंत्री मोदी की जर्मनी चांसलर शॉल्ज से यह पहली मुलाकात है जिन्होंने दिसंबर 2021 में पदभार ग्रहण किया
है।
इससे पहले दोनों नेताओं की पिछले वर्ष जी20 बैठक में मुलाकात हुई थी,तब शॉल्ज वाइस चांसलर और वित्त मंत्री
थे।
मोदी और ओलाफ छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श (आईजीसी) कार्यक्रम की सह अध्यक्षता करेंगे।
आईजीसी की शुरुआत 2011 में हुई थी। यह एक विशिष्ट द्विवार्षिक तंत्र है जो दोनों देशों की सरकारों को व्यापक
द्विपक्षीय मुद्दों पर समन्वय की मंजूरी देता है। इस कार्यक्रम में दोनों देशों के कई मंत्री भी हिस्सा लेंगे।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
अजित डोभाल भी बैठक में हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की यह जर्मनी की पांचवी यात्रा है। इससे पहले वह अप्रैल 2018, जुलाई 2017, मई 2017 और
अप्रैल 2015 जर्मनी गए थे।
यूरोप की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा था कि बर्लिन की उनकी यात्रा
चांसलर शॉल्ज से बातचीत का अव
सर प्रदान करेगी जिनसे उन्होंने पिछले वर्ष जी20 में मुलाकात की थी,तब वह
वाइस चांसलर और वित्त मंत्री थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श (आईजीसी) की सह अध्यक्षता करेंगे, यह एक
विशिष्ट कार्यक्रम है जिसे भारत केवल जर्मनी के साथ करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस आईजीसी को जर्मनी की नई सरकार के साथ बातचीत की पहल के तौर पर देखता हूं,
जो सरकार के गठन के छह माह के भीतर हो रही है। इससे मध्यम और दीर्घकालिक प्राथमिकताओं की पहचान
करने में मदद मिलेगी।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2021में भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने का जश्न
मनाया और देशों देश 2000 से सामरिक साझेदार हैं।
उन्होंने कहा,‘‘मैं दोनों देशों के बीच रणनीतिक, क्षेत्रीय और वैश्विक विकास से जुड़े मुद्दों पर चांसलर शॉल्ज के
साथ बातचीत करने को लेकर उत्सुक हूं।’’
दोनों नेता एक उच्च स्तरीय बैठक को भी संबोधित करेंगे और दोनों देशों की शीर्ष कंपनी के मुख्य कार्यकारी
अधिकारियों के साथ भी बातचीत करेंगे।