अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में दर्शकों का मन मोह कर खूब वाहवाही लूटी
फरीदाबाद, 28 मार्च ऐसी शुभ घड़ी आई, अवध में बाजे बधाई। जन्म लियो रघुराइयां, अवध में
बधाईयां।
गीत के बोल 35 में अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में सोमवार को बड़ी चौपाल में प्रथम चरण में सांस्कृतिक
कार्यक्रमों की धूम का सबसे मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा। यह गीत मेले में मध्यप्रदेश से आई कलाकारों की टीम
ने सोमवार को प्रस्तुति देकर अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में दर्शकों का मन मोह कर खूब वाहवाही लूटी।
बधाई लोकनृत्य बुंदेलखंड आंचल में खुशी के मौके गाया जाता है
मध्यप्रदेश का यह बधाई लोक नृत्य बड़ी चौपाल पर दर्शकों की प्रशंसा का पात्र बना। मध्यप्रदेश के जिला सागर से
आए कलाकारों ने बताया कि यह बधाई लोकनृत्य बुंदेलखंड आंचल में खुशी के मौके पर हर्ष और उल्लास के साथ
गाया जाता है। मुख्य रूप से जन्म, विवाह महोत्सव सहित तमाम खुशियां इसी नृत्य के साथ मनाई जाती है।
श्रीरामचंद्र के आने की खुशी पर यह लोकनृत्य
कलाकारों ने बताया कि यह नृत्य महिला और पुरुष प्रधान है। उन्होने बताया कि जब भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे
थे। उस समय पर अयोध्यावासियों ने श्रीरामचंद्र के आने की खुशी पर यह लोकनृत्य किया था।
तब से इस नृत्य का प्रचलन मध्यप्रदेश में निरंतर चला आ रहा है। नृत्य का ग्रुप लीडर नरेश पांडे है।
यह एकेडमी दीप लोक रंग सागर है। इसमे सींगर कपिल यादव, बांसुरी वादक अरविन्द पटेल, ढोल पर शुभव बैन, लखन बैन, नगारिया पवन बैन जबकि डांसर ज्योति, निधी, यशी, हर्षिता, काजोल, करिश्मा, दीपेश, भानु, अमन, पीयुष, श्रीकांत रहे।