Untitled design 2022 03 18T000411.313

बुनियादी ढांचे को पहली प्राथमिकता देने के फायदे

मुंबई, 17 मार्च  निजी क्षेत्र को आर्थिक सुधार की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए
रिजर्व बैंक ने एक लेख में कहा है कि आम बजट 2022-23 में बुनियादी ढांचे को पहली प्राथमिकता देने के फायदे
कई वर्षों तक मिलेंगे।

लेख में कहा गया कि महामारी के बाद ऋण समेकन मुख्य रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर
निर्भर करेगा, इसे राजकोषीय मजबूती के जरिये पूरा करने की जरूरत है।

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम द्वारा लिखे गए लेख में
कहा गया है, ‘‘इस संदर्भ में, 2022-23 के लिए केंद्र के जीएफडी (सकल राजकोषीय घाटा) में 0.4 प्रतिशत अंक की
कमी एक प्रमुख शुरुआती बिंदु है और राज्यों को इसका मिलान करने की आवश्यकता है।’’

पूंजीगत व्यय को 7.5 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव

वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा संसद में एक फरवरी को पेश किए गए आम बजट में सरकार के पूंजीगत व्यय को
35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया था।

लेख में बजट का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘‘हमारी गणना से पता चला है कि बुनियादी ढांचे को पहली
प्राथमिकता देने की इस रणनीति के फायदे कई वर्षों तक मिलेंगे, जो 2025-26 में चरम पर होगा।’’

लेख में कहा गया कि ऐसे में यह निजी निवेश को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे को पहली प्राथमिकता देने के फायदेहै।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे रिजर्व बैंक के विचारों का
प्रतिनिधित्व करते हों।