सात बार सांसद रह चुके Bhartrhari Mahtab को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर चुना गया। विपक्ष ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस पद के लिए निचले सदन से सबसे वरिष्ठ व्यक्ति को चुनने की परंपरा से अलग हटकर यह फैसला लिया गया है।
भाजपा सांसद Bhartrhari Mahtab
भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को सोमवार को अठारहवीं लोकसभा की पहली बैठक में लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई गई। हालांकि, विपक्ष के कई नेताओं ने इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में महताब को पद की शपथ दिलाई।
महताब आज से शुरू हो रही लोकसभा की बैठक की अध्यक्षता करेंगे और हाल ही में चुने गए सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह का संचालन करेंगे। महताब सुबह 11 बजे संसद भवन में लोकसभा की बैठक में शामिल होंगे। सबसे पहले वह लोकसभा अध्यक्ष नरेंद्र मोदी से सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए कहेंगे।
कांग्रेस ने आलोचना की
इसके बाद सात बार के सांसद 26 जून को अध्यक्ष की नियुक्ति तक सदन की कार्यवाही करने में मदद के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामित कार्यकारिणी को शपथ दिलाएंगे। अध्यक्ष पद के बाद महताब लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्यकारिणी समिति को शपथ दिलाएंगे।
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महताब के चयन पर विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने आलोचना की है, जिसका आरोप है कि सरकार ने अपने सदस्य कोडिकुन्निल सुरेश के मामले की अनदेखी की है, जिन्होंने लोकसभा में आठ कार्यकाल पूरे किए हैं।
सुरेश को पद के आधार पर नया अध्यक्ष बनाया जाना था, यह प्रक्रिया आम तौर पर लोकसभा में चलती रहती है। जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस नेताओं ने भाजपा नीत सरकार पर संसदीय मानदंडों का उल्लंघन करने और व्यवस्था का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।
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लोकसभा सत्र के शुरुआती दिनों में
रमेश ने कहा कि चयन के हिसाब से सबसे ज्यादा कार्यकाल पूरा करने वाले सांसद को पहले दो दिनों के लिए नया अध्यक्ष चुना जाता है, जब सभी नए सांसदों को शपथ दिलाई जाती है।
लोकसभा के फैसलों से पहले महताब के बीजू जनता दल (बीजेडी) से बीजेपी में शामिल होने से भी इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि महताब लगातार सात बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं, जिससे वह इस पद के लिए योग्य हैं।
इस बीच, सुरेश की 1998 और 2004 में जीत का मतलब है कि उनका मौजूदा कार्यकाल निचले सदन में लगातार चौथा कार्यकाल है। नए लोकसभा सत्र के शुरुआती दिनों में मुख्य अध्यक्ष की भूमिका अहम होती है,
जिसमें नए निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण की देखरेख और अध्यक्ष की नियुक्ति से जुड़ी प्रक्रिया शामिल होती है। अठारहवीं लोकसभा की पहली बैठक 3 जुलाई तक चलेगी, जिसके दौरान सदन के नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।