हरिद्वार, 05 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमले
को लेकर हरिद्वार के संत समाज में आक्रोश है।
संतों का कहना है कि गोरखनाथ मंदिर पर हमला हुआ है, जो
सिर्फ शुरुआत है। आने वाले समय में मठ मंदिर भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। ऐसे में मदरसों को बंद करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर
संतों का कहना है कि बीती 3 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में मुर्तजा अब्बासी नाम के
एक शख्स ने धारदार हथियार लेकर घुसने का प्रयास किया था। उसे पीएसी के जवानों ने रोकने का प्रयास किया।
मुर्तजा ने रोके जाने पर धार्मिक नारा लगाते हुए धारदार हथियार से 2 जवानों पर हमला कर दिया, जिसमें जवान
घायल हो गए। मुर्तजा ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीनने का भी प्रयास किया था।
पुलिस ने हमलावर को
गिरफ्तार कर लिया। सरकार इसे आतंकी साजिश बता रही है।
अब हरिद्वार में संत समाज ने भी इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। शाम्भवी धाम के पीठाधीश्वर स्वामी
आनंद स्वरूप ने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमला हुआ है,
जो कि हिंदुओं
की आस्था का केंद्र है। यह किसी चेतावनी से कम नहीं है। यह तो सिर्फ शुरुआत है
, आने वाले समय में ये ऐसे
तत्व किस हद तक जा सकते हैं, इसका हम अंदाजा नहीं लगा सकते हैं।
अगर हम अब ऐसे लोगों से अभी सचेत
नहीं हुए तो आने वाले समय में हमारे मठ मंदिरों पर गहरा संकट छा सकता है।
स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है
कि ऐसी मानसिकता के लोगों का टागरेट संत और मठ मंदिर ही हैं।
जिस तरह से मंदिर में प्रवेश करने की
कोशिश की गई, यह बहुत बड़ी साजिश थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम कितने सुरक्षित हैं?