मध्यप्रदेश में कांग्रेस बनाना चाहती है अभेद्य रणनीति
भोपाल, 26 अप्रैल । मध्यप्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से आगे निकलने के बावजूद पांच
साल तक सरकार न चला पाने का कांग्रेस को मलाल है और यही कारण है
कि उसने अगले साल होने वाले चुनावों
के लिए अभी से अभेद्य रणनीति बनाने पर काम शुरू कर दिया है।
राज्य में बीते कुछ समय से कांग्रेस के कुछ नेताओं की सक्रियता बढ़ रही है। राष्ट्रीय स्तर पर भी मंथन का दौर
जारी है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ बीते लगभग एक पखवाड़े में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से
चार बार मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव की
सोनिया गांधी से मुलाकात हो चुकी है।
इन मुलाकातों को अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव की तैयारी से
जोड़कर देखा जा रहा है।
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की अहम
भूमिका रहने वाली है। प्रशांत किशोर से कमलनाथ दो दौर की बातचीत कर चुके हैं। प्रशांत किशोर मध्यप्रदेश में
कांग्रेस की स्थिति को लेकर रिपोर्ट भी तैयार कर चुके हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस अगले चुनाव में एक ऐसी रणनीति
पर आगे बढ़ना चाहती है जिसके जरिए वह चुनाव जीते और सत्ता में आए।
इतना ही नहीं सत्ता में आने के बाद
भाजपा किसी तरह से नुकसान न पहुंचा पाए, इस पर भी मंथन हो रहा है।
कमलनाथ की पहचान मैनेजमेंट गुरु के तौर पर है और उन्होंने यह बात वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में
साबित भी कर दी थी,
मगर अति अतिआत्मविश्वास और सियासी चूक उनके लिए महंगी पड़ गई। परिणाम स्वरूप
महज डेढ़ साल में ही सत्ता भी उनके हाथ से निकल गई।
अगले साल होने वाले चुनाव में कमलनाथ ऐसी कोई चूक नहीं करना चाहते, यही कारण है कि उन्होंने लगातार उन
लोगों से संवाद शुरू कर दिया है जिनसे बीते कुछ समय में दूरियां बढ़ने की बातें सामने आई थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री
अरुण यादव ने तो पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों में जाना भी शुरू कर दिया है
, जो अब तक अपने को सिर्फ गृह
जिले तक सीमित कर चुके थे। इसके अलावा दिग्विजय सिंह की भी कुछ सक्रियता बढ़ी है।