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सरकारी कर्मचारी से जुड़े कारोबार प छापेमारी

नई दिल्ली, 17 मार्च  आयकर विभाग ने मुंबई में एक केवल ऑपरेटर के साथ ही एक सरकारी कर्मचारी
और उससे जुड़े कारोबार प छापेमारी की है जिसमें 66 लाख रुपये की नकदी जब्त की गयी है।

विभाग ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गत आठ मार्च को मुंबई के साथ ही पुणे, सांगली और रतनागिरि में एक साथ 26 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गयी थी।

विभाग के अनुसार तलाशी के दौरान दापोली में एक प्रमुख राजनेता ने वर्ष 2017 में एक करोड़ रुपये में भूमि
खरीदी लेकिन उसकी रजिस्ट्री 2019 में की गयी। फिर उस भूमि को 2020 में 1/10 करोड़ रुपये में एक व्यक्ति
को बेच दिया गया जिसके यहां आयकर विभाग ने छापेमारी की है।

वर्ष 2017 से 2020 के दौरान उस भूमि पर रिर्सोट

एक रिर्सोट भी बनाया गया है। हालांकि भूमि की दोनों बार रजिस्ट्री में रिर्सोट का जिक्र नहीं किया गया। सिर्फ भूमि
की रजिस्ट्री करायी गयी। रिर्सोट बनाने पर छह करोड़ रुपये की लागत आयी थी और उसका उल्लेख न:न तो
राजनेता के खाते हैं और न/न ही इसको खरीदने वाले मुंबई के केवल ऑपरेटर के खाते में है।

तलाशी के दौरान राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 10 वर्षाें में उसके परिवार के सदस्यों के नाम
पर पुणे, सांगली और बारामति में प्रमुख स्थानों पर कई संपत्तियां है। परिवार के पास पुणे में एक बंगला और फार्म

ताशगांव में भी बड़ा फार्म हाउस

सांगली में दो बंगला है। तानिष्क में दो व्यावसायिक परिसर और कैरेट लेन शोरूम भी है। पुणे में विभिन्न स्थानों पर पांच फ्लैट, नवी मुंबई में एक फ्लैट, सांगली, बारामनी और पुणे में खाली भूमि के साथ है। पिछले सात वर्षाें में 100 एकड़ से अधिक कृषि भूमि खरीदी गयी है।

एक सरकारी कर्मचारी का कारोबार उसका रिश्तेदार संचालित करता है और उसे राज्य सरकार के कई ठेके मिले हैं तलाशी में दौरान पता चला कि ठेका व्यय के तौर पर फर्जी खरीद और फर्जी उपठेकेदारी दी गयी जो 27 करोड़
रुपये के थे। बारामती में दो करोड़ रुपये में भूमि बेचने का अघोषित रसीद भी मिली है।