रिहैब सेंटर की जरूरत पर जोर दिया
मुंबई, 09 मार्च क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड के महान निर्देशक महेश भट्ट और उनकी ऎक्ट्रेस बेटी
पूजा भट्ट नशे की बुरी लत के शिकार थे और यह दोनों अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और एक इमोशनल घटना की
वजह से शराब की आदत से उबर पाए हैं।
मुम्बई से सटे पुणे में जब पिछले दिनों नशा मुक्ति केंद्र ;समर्पण का
उद्घाटन हुआ तो यहां चीफ गेस्ट के रूप में खुद महेश भट्ट और पूजा भट्ट मौजूद थे। इन्होंने यहां न सिर्फ
समर्पण जैसे रिहैब सेंटर की जरूरत पर जोर दिया बल्कि नशे की आदत से उबरने की पूरी कहानी भी बताई जो
तमाम शराबियों के लिए एक प्रेरणा और मोटिवेशन का काम करेगी। नशे की लत ज़िंदगी को कैसे उलझा देती है,
इन दोनों ने जब अपने दर्द और उस दर्द से उबरने की स्टोरी नरेट की तो खुद भी इमोशनल हो गए।
पारिवारिक संबंधों पर भारी दबाव पड़ता है
मानसिक बीमारी और नशे की आदत से पीड़ित लोग आमतौर पर खुद को उन चुनौतियों का सामना करने में
असमर्थ पाते हैं जो जीवन उन्हें देता है और अपने निजी खोल में छुप जाते हैं। पीछे हट जाने से सामाजिक कौशल,
प्रोफेशनल प्रदर्शन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है और पारिवारिक संबंधों पर भारी दबाव पड़ता है। भारत के आकार
और इसकी आबादी में विविधता को मानसिक स्वास्थ्य की तुरंत जरूरत के साथ जोड़कर देखते हुए, इस समय इस
मामले में हस्तक्षेप करने और बदलाव लाने के लिए, समर्पण जैसे एक अच्छी तरह से बनाए गए और काफी फंड
लगाए गए रिहैब सेंटर की तत्काल आवश्यकता है।
महेश भट्ट, पूजा भट्ट और नरेंद्र रिबन काटा
मुख्य अतिथि महेश भट्ट और पूजा भट्ट ने पुणे के पास शराब और ड्रग मुक्ति केंद्र "समर्पण" का शुभारंभ किया।
यहां गेस्ट ऑफ ऑनर नरेंद्र ए. बलदोटा थे, जो बलदोटा समूह के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं। महेश भट्ट, पूजा
भट्ट और नरेंद्र ए. बलदोटा ने ऑफिशियल लॉन्च के लिए रिबन काटा। जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. अजहर हकीम
ने समर्पण की शुरुआत और इस पहल के रूप में मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं और उपचार को साझा किया।
मार्टिन पीटर्स ने वर्ल्ड क्लास रिहैब प्रोग्राम की स्थापना के संबंध में जानकारी दी।
नशा मुक्ति पर केंद्रित इस 28-
दिवसीय कार्यक्रम में, क्लाइंट्स को पुणे के पास इस रिहैब सेंटर में रहना होगा, जहां वे एक आधुनिक और विशाल
स्थान पे ठीक हो जाएंगे। समर्पण एक कॉलोनी शैली की वास्तुकला में बनाया गया है जो आपको स्कॉटलैंड की याद
दिलाता है, यह आपको सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है और यह शहर की हलचल से दूर एक बहुत ही सुंदर
वातावरण में स्थित है।
महेश भट्ट ने कहा कि समर्पण आशा की एक नई रोशनी है। सफलता और प्रसिद्धि की ऊंचाइयों पर पहुंचने के
बाद भी, मुझे खालीपन का अहसास हुआ, और मुझे शराब की लत लग गई।
लेकिन एक दिन जब मेरी दूसरी बेटी
शाहीन का जन्म हुआ तो मैं शराब पीकर घर आया। मुझे याद है कि मैंने अपनी बेटी को गोद में लिया था, उसने
अपना मुंह फेर लिया क्योंकि मेरे मुंह से शराब की गंध आ रही थी।
नरेंद्र बलदोटा ने समर्पण जैसा केंद्र शुरू किया
और उस एक पल ने मेरी जिंदगी बदल दी।
तब से 34 साल हो गए हैं, और मैंने शराब का एक घूंट नहीं पिया है। जब मैं फिल्म डैडी की शूटिंग कर रहा था,
तो मुझे एक बार लगा कि मुझे शराब पीनी चाहिए, किसी को पता नहीं चलेगा।
लेकिन तभी अंदर से आवाज आई
कि तुम दुनिया से झूठ बोलोगे, उस छोटी बच्ची से झूठ बोल सकते हो, लेकिन खुद से झूठ कैसे बोलोगे। इसलिए
शराब से छुटकारा पाने के लिए आपको खुद कदम उठाने होंगे, और एक मजबूत इरादा रखना होगा। मुझे बहुत
खुशी है कि नरेंद्र बलदोटा ने समर्पण जैसा केंद्र शुरू किया।