गेटवे ऑफ इंडिया मुम्बई -अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ कलयुग की प्रत्यक्ष अधिष्ठात्री देवी मां नर्मदा को आधार मानकर सनातन संस्कृति, सभ्यता, संस्कार, अध्यात्म, सनातन राष्ट्र ,प्रकृति , समाज और मानवता के उत्कर्ष और कल्याण से संबंधित निस्वार्थ सेवा कार्य से जुड़े निस्वार्थ सनातन सेवकों का संगठन है।
अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ अखिल भारत में मां नर्मदा सेवा साधना यज्ञ द्वारा विभिन्न जन कल्याण और संस्कृति उत्कर्ष के कार्य कर रहा है। अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ का 28 राज्यों में विस्तार है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विदेशों में अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ केएन आर आई विंग के पदाधिकारियों,सदस्य, प्रतिनिधि, वालेंटियर्स द्वारा सेवा कार्य हो रहे हैं।:गेटवे ऑफ इंडिया
गेटवे ऑफ इंडिया :पवित्र यात्रा और परिक्रमा के उत्कर्ष महत्त्व सम्मान और स्वच्छता का उद्देश्य रखते हुए मां नर्मदा की
पवित्र यात्रा और परिक्रमा के उत्कर्ष महत्त्व सम्मान और स्वच्छता का उद्देश्य रखते हुए मां नर्मदा की पूर्ण परिक्रमा,उत्तरवाहिनी परिक्रमा, ओंमकार परिक्रमा, गिरनार परिक्रमा, पंचकोशी यात्रा, गोवर्धन परिक्रमा, ८४ कोष यात्रा सनातन राष्ट्र में होने वाले सभी धार्मिक आध्यात्मिक पवित्र परंपरागत यात्राएं का प्रसार प्रचार उत्कर्ष,भारत भर में तथा विश्व में प्रसिद्ध हो , विभिन्न संस्कृति के भक्त जुड़ें और ऐसी पवित्र यात्राओं की परंपरा निरंतर चलती रहे तथा उसमें स्वच्छता सम्मान भक्ति का समन्वय हो इस उद्देश्य से 700 साल से चली आ रही
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ज्ञानेश्वर माऊली की आलंदी से पंढरपुर तक पवित्र वारी यात्रा में स्वच्छ दिंडी, स्वच्छ पालखी, स्वच्छ गांव तथा शास्त्र प्रसार प्रचार अंतर्गत हर घर घर में ज्ञानेश्वरी और भगवत गीता का अध्ययन सत्संग हो इस संकल्प से अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ महाराष्ट्र प्रदेश के सभी स्वयंसेवक पदाधिकारियों के सहयोग द्वारा वारी यात्रा मार्ग में सेवा साधना का कार्य करेगा|
गेटवे ऑफ इंडिया :डिंडियों का स्वागत, शास्त्रों का प्रसार प्रचार, सफाई सेवा श्रमदान, स्वच्छता जागृति का प्रचार
डिंडियों का स्वागत, शास्त्रों का प्रसार प्रचार, सफाई सेवा श्रमदान, स्वच्छता जागृति का प्रचार, यात्रियों के चरण सेवा जैसे आत्मिक अध्यात्मिक सांस्कृतिक सामाजिक सेवा कार्य मैं अपना निस्वार्थ योगदान देंगे। इसी इसी दिवा कार्य के आयोजन हेतु 23 मई 2023 को ज्ञानेश्वर माऊली के जीवंत समाधि स्थल पर उनके दर्शन आशीर्वाद और प्रेरणा से आलंदी में महाराष्ट्र प्रदेश के विभिन्न प्रांतों,शहरों, गांव,से आए हुए पदाधिकारियों की साधना सेवा बैठक हुई थी। Samdhan vani
वारीयात्रा में विभिन्न शहरों गांव से संतो की डिंडिया आलंदी में एकत्र होती है हमारा सौभाग्य है की वारी यात्रा में सम्मिलित होने वाली डिंडी मुंबई महानगर संत रोहिदास डिंडी जो कि गेटवे ऑफ इंडिया से आलंदी की ओर प्रस्थान कर चुकी हैं। :गेटवे ऑफ इंडिया
संत रोहिदास की डिंडी का अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ
संत रोहिदास की डिंडी का अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ द्वारा के मुंबई वासी पदाधिकारियों तथा राष्ट्रीय समन्वयक महाराष्ट्र प्रदेश प्रभारी सुश्री मनीषा पटेल द्वारा सम्मान सत्कार स्वागत किया गया तथा स्वच्छता जागृति पर चर्चा, सफाई सेवा तथा वारी यात्रियों के लिए ओआरएस घोल के पैकेट दिए गए, बारी यात्रियों को पांव कि थकान दूर करने वाली एक्यूप्रेशर रिंग दिया गया गंगा दशहरा के पवित्र पर्व पर नर्मदा अष्टकम का पाठ तथा जल स्त्रोतों के सदुपयोग और स्वच्छता के लिए शपथ ग्रहण किया गया।
गेटवे ऑफ इंडिया जो कि भारत का मुख्य प्रवेश द्वार है ऐसे ऐतिहासिक स्थान पर वारी यात्रा
गेटवे ऑफ इंडिया जो कि भारत का मुख्य प्रवेश द्वार है ऐसे ऐतिहासिक स्थान पर वारी यात्रा सेवा का शुभारंभ करने का अवसर अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ को प्राप्त हुआ| ज्ञानेश्वर माऊली और मां नर्मदा की असीम कृपा है। मुंबई से निस्वार्थ सेवा में हमारे निस्वार्थ पदाधिकारी राष्ट्रीय समन्वयक महाराष्ट्र प्रदेश प्रभारी सुश्री मनीषा पटेल, शास्त्र प्रसार प्रचार विंग मुंबई श्री चंद्रकांत पांडुरंग कारंडे,
शास्त्र प्रसार प्रचार विंग मुंबई महासचिव श्री दिलीप परुऴेकर, नवी मुंबई प्रांत संयोजक श्री अमोल आंबेकर, सेवा विंग संयोजक मुंबई श्रीमती अंजलि कुलकर्णी, मातृशक्ति विंग मुंबई संयोजक डॉ सुनिता उत्तरवार जी, मातृशक्ति विंग मुंबई महासचिव श्रीमती कल्पना पाटिल ,
मातृशक्ति सहसचिव श्रीमती शिल्पा घोने, शास्त्र प्रसार प्रचार विंग ठाणे जिला संयोजक श्री श्याम पिंपले,मध्य मुंबई प्रांत संयोजक श्री विल्सन वर्लिकर, शास्त्र प्रसार प्रचार विंग मुंबई सहसंयोजक दत्ता खांडेकर जी द्वारा सेवा कार्य किया गये तथा इस कार्यक्रम में श्री प्रशांत सिंह पाटिल, श्रीमती आशा पाटिल, श्रीमान नाना पाटिल जी ने आदि निस्वार्थ रूप से सम्मिलित हुए।