
हर्षवर्धन रायभान जाधव पूर्व विधायक महाराष्ट्र ने अपने सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील डॉ.ए पी सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री महाराष्ट्र सरकार तथा सचिव रेवेन्यू विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का कानूनी नोटिस भेजा है जिसमें भारत के संविधान के अनुच्छेद 129 की धारा 2(B) और धारा 12 अदालत की अवमानना एक्ट 1971 को आधार बनाते हुए दिनांक 16.4.18 को सुप्रीम कोर्ट की माननीय डबल बेंच जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस ए एस बोपन्ना ने केस महाराष्ट्र सरकार बनाम शांताबाई केरकर मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की स्पेशल लीव पिटिशन सिविल नं.11328/14 का आदेश पूर्ण रूप से स्पष्ट था
जिस आदेश को न मानने का खुलासा सार्वजनिक रूप से तब हुआ जब कैग रिपोर्ट 2013 व 2019 महाराष्ट्र सरकार के द्वारा आम जनता के सामने आई जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र लैंड रेवेन्यू डिस्पोजल सरकारी भूमि का नियम 1971 MLR डीजीएम रूस के आधार पर शिक्षण तथा अन्य चैरिटेबल संस्थानों को दिया गया था
इस तरह की भूमि वितरण में घोर आर्थिक अनियमितताओं का खुला उल्लंघन महाराष्ट्र सरकार ने किया था जिसमें महाराष्ट्र राजस्व को अरबो रुपयों का नुकसान अभी लगातार हो रहा है जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा रखी थी
फिर भी महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र राज्य को आर्थिक रूप से घाटा पहुंचाया, जिसका खुलासा कैग ने अपनी रिपोर्ट में किया है जिस आधार पर उपरोक्त सभी पर कोर्ट की अवमानना का नोटिस वकील डॉ.ए पी सिंह ने दिया है
संवाददाता कोशल कुमार शाहू की रिपोर्ट
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