बिना तुष्टीकरण के सशक्तीकरण की नीति
नई दिल्ली, 24 मार्च अल्पसंख्यक कार्य मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि
मोदी सरकार सम्मान के साथ विकास और बिना तुष्टीकरण के सशक्तीकरण की नीति पर काम कर रही है
जिसके
कारण कल्याण योजनाओं का लाभ सभी वर्गों के साथ अल्पसंख्यक समाज को बराबर मिल रहा है।
श्री नकवी ने लोकसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान एक अनुपूरक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने सरकार की
विभिन्न योजनाओं के अल्पसंख्यक समाज के लोगों को मिलने वाले लाभ के विषय पर एक सर्वेक्षण कराया था
12 करोड़ किसानों को सम्मान निधि का लाभ
जिसके अनुसार देश में जिन दो करोड़ 31 लाख गरीब लोगों को पक्का घर दिया गया, उनमें से 31 प्रतिशत
अधिसूचित अल्पसंख्यक इलाके में रहने वाले लोग हैं।
इसी प्रकार 12 करोड़ किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिला है जिसमें से 33 प्रतिशत अधिसूचित अल्पसंख्यक
इलाके में रहने वाले मुस्लिम, ईसाई, सिख और जैन समाज के लोग हैं।
उन्होंने बताया कि उज्ज्वला योजना का लाभ नौ करोड़ महिलाओं को मिला है जिनमें से 37 प्रतिशत अल्पसंख्यक
समाज की हैं। स्वरोजगार के तहत मुद्रा योजना के 34 करोड़ लाभार्थी हैं जिनमें से 35.6 प्रतिशत अल्पसंख्यक
समुदाय के लोग शामिल हैं।
हमारी सरकार के लिये‘विकास का मसौदा वोट का सौदा नहीं
श्री नकवी ने कहा, “हमारी सरकार के लिये‘विकास का मसौदा वोट का सौदा नहीं’है।
उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के कम बजटीय आवंटन से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा,“ जहां
तक मंत्रालय को बजटीय आवंटन का सवाल है,
हम आइना दिखायेंगे तब कष्ट होगा। हमारी सरकार आने से पहले
वर्ष 2013-14 में बजटीय आवंटन 1888 करोड़ रूपये था और वास्तविक खर्च 1814 करोड़ रूपये था।
मंत्रालय के बजट का खर्च सही से हो रहा है
जबकि वित्त
वर्ष 2020-21 में बजटीय आवंटन 2530 करोड़ रूपये और वास्तविक खर्च करीब 2400 करोड़ रूपये था।”
उन्होंने कहा कि मंत्रालय के बजट का खर्च सही से हो रहा है और जमीन पर उसका प्रभाव दिखे इसके लिये हम
काम कर रहे हैं।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं बनाया है।
कांग्रेस के डॉ़ मोहम्मद जावेद ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं कर रहा
है इसलिए इसे बंद कर देना चाहिए।
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