हार का सही कारण ढूंढ़ने के वजाय एक दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ने का क्रम जारी
डॉ. भरत मिश्र प्राची-
देश में गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के हालात अच्छे नहीं रहे जिससे पंजाब से तो सत्ता उसके हाथ से जाती रही, अन्य राज्यों में भी पूर्व चुनाव से भी जनमत में गिरावट नजर आई। इस हालात ने कांग्रेस को अन्दर से कमजोर तो बना ही दिया जहां इस हार का सही कारण ढूंढ़ने के वजाय एक दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ने का क्रम जारी है।
इस तरह के हालात में जहां आगामी वर्ष के अंतराल में जिन राज्यों के विधान सभा चुनाव होने वाले है उसमें दो राज्य राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है एवं मध्यप्रदेश में आपसी तालमेल की कमी से कांग्रेस के हाथ आई सत्ता छिटकर भाजपा के हाथ चली गई। देश के बदलते राजनीतिक समीकरण में जहां राजनीतिक पटल पर तेजी से उभरती आप पार्टी अपने आपको कांग्रेस के विकल्प के रूप में उजागर करती नजर आ रही है
आप की नजर राजस्थान पर जरूर रहेगी
जिसने अभी हाल में हुये विधान सभा चुनाव में पंजाब में सत्ता पर पूर्णरूपेण कब्जा कर आने वाले आगामी चुनाव में कांग्रेस के लिये चुनौती बन सकती है ऐसे हालात में कांग्रेस शासित राज्यों के समीकरण बदल सकते है। वैसे राजस्थान के राजनीतिक समीकरण में अभी तक केवल भाजपा एवं कांग्रेस का ही वजूद हावी रहा जहां एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा सत्ता पर कब्जा जमाये रखी पर आने वाले चुनाव में पंजाब से कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सत्ता पर कब्जा करने वाली आप की नजर राजस्थान पर जरूर रहेगी जो कांग्रेस के बागी का इस्तेमाल कर वह सत्ता तक पहुंचने का प्रयास अवश्य करेगी।
इस तरह के हालात में राजस्थान का नया बजट जहां हर वर्ग को खुश करने का प्रयास किया गया है, कांग्रेस के लिये कितना लाभकारी साबित हो सकता है, आने वाला चुनाव काल ही बता सकता फिलहाल राजस्थान को लेकर राजनीतिज्ञ यह मानकर चलते है कि आने वाले चुनाव में आप का वजूद प्रभावकारी नहीं रहेगा। कांग्रेस के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति के धुरंधर नेता माने जाते है जिनका राजनीतिक विरोध के वावयूद भी राजस्थान की सत्ता में कांग्रेस को बरकरार रखना, काबिले तारीफ है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना की राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख
राजस्थान का नया बजट जो इस माह से राजस्थान में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया जिसके तहत आम जन को ओपीडी एवं आईपीडी में सभी तरह की जांच एवं स्वास्थ्य सेवाएं निशुःल्क कर दी गई है, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना की राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई है।
अनाथ बालकों को प्रतिमाह राशि 1500 से बढ़ाकर 2500रू
आम जन को घरेलू बिजली उपयोग में 50 यूनिट तक बिजली फ्री की गई है। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू कर एवं महंगाई भत्ते की दर बढ़ाकर अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है। मनरेगा योजना में 100 दिन के स्थान पर 125 दिन का रोजगाार, मानदेय कर्मियों, आंगन बाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका आदि के मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि, इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना पूरे राज्य में लागू, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में निशुल्क कोचिंग, पालनहार योजना में अनाथ बालकों को दी जाने वाली प्रतिमाह राशि 1500 से बढ़ाकर 2500रू करने,
गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी कोविड सहायता, लोक कलाकरों के मानदेय में 25 प्रतिशत की वृद्धि सहित नया कर न लागू कर आम आदमी को राहत देने का किया गया प्रयास आगामी चुनाव में कांग्रेस की वापसी तय करेगा या कांग्रेस के बीच उभरता आंतरिक कलह इस प्रयास को नकार कर कांग्रेस के विकल्प के रूप में आप को पंजाब की तरह राजस्थान में लाकर सामने खड़ा कर देगा। कुछ कहा नहीं जा सकता।