विंटर में सर्द हवाएं स्किन को ड्राई और खुरदरा बना देती हैं
विंटर में सर्द हवाएं स्किन को ड्राई और खुरदरा बना देती हैं। हवा में नमी की कमी से त्वचा की नमी भी कम हो जाती है। पानी में क्लोरीन की मात्रा के साथ ही सर्दियों में गर्म पानी से नहाने से भी स्किन की ड्राइनेस बढ़ जाती है। ऐसे में सही तेल से मालिश करने से स्किन की खोई नमी लौटाई जा सकती है। महंगी विंटर क्रीम पर पैसे खर्च नहीं करना चाहते, तो किचन में मौजूद तेल से मसाज करके विंटर में स्किन को सॉफ्ट बना सकते हैं। ऑयल मसाज स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है खासकर सर्दियों में, इससे ड्राइनेस दूर होती है और स्किन सॉफ्ट-शाइनी नजर आती है।
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मसाज से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है
मसाज से स्किन टोन होती है, उसे पोषण मिलता है, ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है, जोड़ों की स्टिफनेस दूर होती है, बॉडी फ्लैक्सिबल बनती है।आयुर्वेद में मौसम के अनुसार तेल का चुनाव करने की बात कही गई है। तिल का तेल हर मौसम में अच्छा माना जाता है। गर्मी के दिनों में मालिश के लिए जैतून, नारियल और सूरजमुखी का तेल अच्छा माना जाता है। विंटर के लिए बादाम और सरसों का तेल अच्छा होता है।बादाम का तेल रूखेपन के कारण होने वाली खुजली और रैशेज से राहत दिलाने में मदद करता है। अन्य तेलों की तुलना में यह थोड़ा भारी होता है।
बादाम प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है
यह प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। बादाम के तेल से मालिश करने से स्किन का रंग भी निखरता है।रूखी त्वचा पर बादाम का तेल लगाने से स्किन की कंडीशनिंग होती है और उसकी चमक बढ़ जाती है।सरसों का तेल भी सर्दियों में मालिश के लिए फायदेमंद है। सरसों के तेल को गर्म करके मालिश करने से स्किन की ड्राइनेस के साथ-साथ थकान और जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है।मालिश से पहले तेल को गर्म करना फायदेमंद होता है, खासकर सर्दियों में। मालिश के दौरान समस्याओं के अनुसार शरीर के अलग-अलग अंगों पर उचित ध्यान दें।
सर्कल में मसाज करें
उदाहरण के लिए कंधे, कोहनी और कलाई के जोड़ों पर छोटे सर्कल में मसाज करें।बाहों और पैरों की मांसपेशियों पर लंबे समय तक नीचे से ऊपर की तरफ मालिश करें। पेट की मालिश नाभि से शुरू होकर बाहर की ओर गोल घुमाते हुए करनी चाहिए। ऊपरी पेट के लिए दिशा दाएं से बाएं होनी चाहिए, जबकि निचले पेट के लिए सर्कल में बाएं से दाएं होना चाहिए।पीठ के लिए मालिश रीढ़ के आधार से होनी चाहिए, रीढ़ की हड्डी से पसलियों तक ऊपर और बाहर की ओर मालिश करनी चाहिए।गर्भवती महिला के पेट की मालिश बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करनी चाहिए।
हड्डी के किसी हिस्से पर जोर से दबाव न डालें
इसी तरह, अगर शरीर के किसी हिस्से पर कोई ज्ञात चोट या त्वचा की समस्या है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। अगर किसी को हार्ट संबंधी समस्या है तो सावधानी बरतनी होगी।इसी तरह हड्डी के किसी हिस्से पर जोर से दबाव न डालें और सीधे रीढ़ की हड्डी पर मालिश करने से बचें।तिल का तेल हर मौसम में अच्छा माना जाता है। गर्मी के दिनों में मालिश के लिए जैतून, नारियल और सूरजमुखी का तेल अच्छा माना जाता है। विंटर के लिए बादाम और सरसों का तेल अच्छा होता है। बादाम का तेल रूखेपन के कारण होने वाली खुजली और रैशेज से राहत दिलाने में मदद करता है।
नारियल का तेल सबसे अच्छा मॉइश्चराइजर साबित हो सकता है
मेडिकल न्यूज टुडे के मुताबिक सर्दियों में त्वचा के लिए नारियल का तेल सबसे अच्छा मॉइश्चराइजर साबित हो सकता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल तत्व त्वचा की कई समस्याओं को दूर रखने में मदद करते हैं।वहीं नहाने के बाद नारियल के तेल से मालिश करने से त्वचा को पोषण देने के साथ-साथ त्वचा की रंगत में भी सुधार होता है। विंटर में त्वचा की ड्राइनेस से छुटकारा पाना काफी मुश्किल टास्क होता है। वहीं मार्केट बेस्ड लोशन और क्रीम का असर भी स्किन पर कुछ ही समय तक रहता है। जिसके बाद आपकी त्वचा फिर से ड्राई और डल हो जाती है।
गरम तेल से ‘बॉडी मसाज’ करना बहुत फायदेमंद होता है
हालांकि अगर आप चाहें तो नहाने के बाद स्किन पर कुछ तेल अप्लाई करके विंटर में त्वचा को ड्राई होने से रोक सकते हैं. वैसे तो स्किन केयर में कई लोग ऑयल का इस्तेमाल करते हैं.लेकिन खासकर विंटर में त्वचा पर तेल का उपयोग काफी असरदार साबित हो सकता है., जिन्हें स्किन केयर में शामिल करके आप त्वचा की ड्राइनेस दूर करने के साथ-साथ स्किन का निखार भी बरकरार रख सकते हैं। बदलते मौसम में त्वचा पर रूखेपन की हल्की परत बनने लगती है।सर्दी के मौसम में आयुर्वेद के अनुसार गरम तेल से ‘बॉडी मसाज’ करना बहुत फायदेमंद होता है। सर्दी के मौसम में सप्ताह में कम से कम 3 दिन ‘बॉडी मसाज’ कराने से कई फायदे होते हैं।