विदेश से गिफ्ट भेजने के नाम पर देशभर में 1548 ठगी कर चुके गिरोह का पर्दाफाश
फरीदाबाद, 06 मई ( विदेश से महंगा गिफ्ट भेजने और उसे एयरपोर्ट पर कस्टम में फंसे होने का झांसा
देकर लोगों से रुपये हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।
साइबर थाना पुलिस ने तीन विदेशी नागरिकों और
एक महिला सहित आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
करीब दो साल से सक्रिय गिरोह देशभर में 1548 वारदात
कर चुका है। इनके बैंक खातों में ठगी के करीब 25 करोड़ रुपये का लेन-देन मिला है। पकड़े गए आरोपितों में
विदेशी नागरिक नाइजीरियाई गैब्रियल, किग्सले, घाना देश का गोडविन शामिल है। इनकी महिला साथी मणिपुर
निवासी युर्थिंगला वारोंग है। यह चारों दिल्ली खानपुर में रहते थे।
वहीं आपस में जानकारी हुई और इस गोरखधंधे
में शामिल हो गए।
बाकी आरोपितों में मुंबई वडाला निवासी हरिस फिरोज अंसारी, नोएडा सेक्टर-39 निवासी
राजकुमार, सफरुद्दीन और दिल्ली सोनिया विहार निवासी सुशील तिवारी हैं।
डीसीपी हेडक्वार्टर नितिश अग्रवाल ने बताया कि इस गिरोह ने सूर्य कालोनी निवासी राम किशोर से 7.40 लाख
रुपये हड़प लिए थे। रामकिशोर को एक लाख पाउंड का गिफ्ट भेजने का झांसा दिया गया था।
इस मामले की जांच
करते हुए पुलिस आरोपितों तक पहुंची।
साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत कुमार और एसआइ प्रवीण ने यह पूरा
मामला सुलझाया। आरोपित फेसबुक के जरिये अपना शिकार फंसाते थे।
इसमें सबसे पहले गैब्रियल विदेशी लड़की
के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाता था।
लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर अपने साथ जोड़ता था। फेसबुक के
जरिये लोगों से बातचीत शुरू करता।
बातचीत में ग्रैबियल लोगों से वाट्स-एप नंबर ले लेता था। यह नंबर वह गोडविन को साझा करता था। इसके बाद
गोडविन उस व्यक्ति से बात करता था, जिसे शिकार बनाना होता था। कई दिन बातचीत के बाद वह अपने शिकार
को विदेश से गिफ्ट भेजने की बात करते। इसके बाद युर्थिंग्ला वारोंग का काम शुरू होता। वह खुद को कस्टम
अधिकारी बताकर उस व्यक्ति से बात करती और बताती कि आपके लिए विदेश से एक लाख पाउंड का गिफ्ट
आया है। यह कस्टम में फंसा है। इसे छुड़ाने के लिए कस्टम ड्यूटी का भुगतान करना होगा। इतनी बड़ी रकम
सुनकर व्यक्ति बताए गए खातों में रुपये डाल देते थे।
इसके बाद आरोपित अपना नंबर बंद कर लेते थे। फरीदाबाद
की सूर्य कालोनी निवासी राम किशोर के साथ भी यही कुछ हुआ था।
नोएडा का रहने वाला सफरुद्दीन सीएससी सेंटर चलाता है। वह किसी भी आधार कार्ड में उसका पता बदलकर
उसकी जगह फर्जी पता डाल देता था। इसी फर्जी आधार कार्ड को वह राजकुमार को उपलब्ध कराता था, जिससे वह
किसी भी बैंक में फर्जी खाता खुलवा देता था। आरोपित सुशील फर्जी बैंक खाते को अपने अन्य साथियों को उपलब्ध
कराता था। इसके लिए इन्हें तय राशि मिलती थी। हरिस फिरोज अंसारी ने साइबर ठगी के लिए अपना बैंक खाता
इन साइबर ठगों को उपलब्ध कराया था। आरोपितों के पास से 40 मोबाइल, 37 सिम कार्ड, तीन पासपोर्ट, 40
पासबुक, 49 चेकबुक, 50 एटीएम कार्ड, 11 आधार कार्ड,
छह पैनकार्ड, दो पेन ड्राइव, आधार कार्ड में पता बदलने
के काम में प्रयुक्त कंप्यूटर व प्रिटर समेत 1.39 लाख रुपए नकद बरामद किए गए हैं।
सभी आरोपितों को जेल
भेज दिया गया है। आरोपितों ने सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 441, राजस्थान में 150, तेलंगाना में 149, दिल्ली में
147 और महाराष्ट्र में 101 वारदात की हैं।
हरियाणा में इन्होंने 30 वारदात की हैं।