फरीदाबाद, 21 मार्च करीब एक साल से स्मार्ट सिटी के अधिकारियों और पुलिस के लिए सिरदर्द बने
दो चोर क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 के हत्थे चढ़ गए हैं।
ये चोर स्मार्ट सिटी के तहत लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की
बैट्री व अन्य उपकरण चोरी कर ले जाते थे। एक तरह से यह सीधे-सीधे शहर की सुरक्षा-व्यवस्था से खिलवाड़ कर
रहे थे।
आरोपितों में नूंह मेवात के गांव तिरवाड़ा निवासी अकबर और 36 गज सेक्टर-3 बल्लभगढ़ निवासी युनिस शामिल
है। आरोपित करीब एक साल से सक्रिय थे।
अब तक 100 से अधिक कैमरों की बैट्री व अन्य उपकरण चोरी कर
चुके हैं। आरोपित चोरी की बैट्री व अन्य उपकरण तोड़कर कबाड़ियों को बेच देते थे।
क्राइम ब्रांच ने उनसे सामान
खरीदने वाले छह कबाड़ियों को भी पकड़ा है।
इनमें यूपी जिला अलीगढ़ गांव गोमत निवासी मुबीन, सेक्टर-3
निवासी मनीष खान, जाकिर कालोनी मेरठ यूपी निवासी मोमन,
गांव आकेड़ा नूंह निवासी आखिब, गांव पिनगवा
नूंह निवासी केदारनाथ और नाडूवास मथुरा यूपी निवासी कामिल हैं।
क्राइम ब्रांच ने आरोपितों को अदालत में पेश
किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। 600 रुपये में बेच देते थे छह हजार की बैट्री
स्मार्ट सिटी को सीसीटीवी कैमरे की एक बैट्री करीब छह हजार रुपये की पड़ती है।
आरोपित एक बैट्री को तोड़कर
600 रुपये में कबाड़ी को बेच देते थे। कबाड़ी भी टूटी हुई बैट्रियों को अन्य कबाड़ के साथ आगे बेच देते थे।
आरोपितों से एक भी बैट्री बरामद नहीं हुई है। क्राइम ब्रांच ने उनसे चोरी में प्रयुक्त आटो और 1.08 लाख रुपये
बरामद किए हैं। जब भी फरीदाबाद आता था खाली हाथ नहीं जाता था
क्राइम ब्रांच प्रभारी रविदर कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपित अकबर नूंह में आटो चलाता है। उसका भाई सेक्टर-
3 में रहता है। उसके भाई के पड़ोस में युनिस रहता है। यहीं से अकबर की युनिस से पहचान हुई।
क्राइम ब्रांच का
कहना है कि अकबर जब भी फरीदाबाद आटो लेकर आता था, वह खाली हाथ नहीं लौटता था। यहां से सीसीटीवी
कैमरों की बैट्रियां व अन्य उपकरण चोरी करके ले जाता था। वह 15 से 20 दिन में वारदात करता था।
करीब तीन
महीने माथा-पच्ची के बाद हाथ लगे आरोपित
डीसीपी नरेंद्र कादियान ने बताया कि सेक्टर-30 क्राइम ब्रांच में तैनात सब इंस्पेक्टर अश्वनी और सिपाही मनोज
करीब तीन महीने से इन चोरों के पीछे लगे हुए थे।
आरोपित चेहरा ढककर चोरी करने आते थे। उनका आटो कई
बार सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। आटो के पीछे नंबर न होने से आरोपित पकड़ में नहीं आ रहे थे।
क्राइम ब्रांच
कर्मियों ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व तकनीक की सहायता से आरोपितों की पहचान की और उनकी गिरफ्तारी
की। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने ली राहत की सांस
इन चोरों के पकड़े जाने से स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है
। आरोपित शहर के मुख्य चौक
चौराहों पर वारदात कर रहे थे।
इससे सीसीटीवी कैमरे बंद हो जाते थे। सीसीटीवी कैमरों की सुरक्षा करना स्मार्ट
सिटी के अधिकारियों के लिए चुनौती बना हुआ था।