
हरिद्वार, 25 अप्रैल । पतंजलि योगपीठ-2 को पतंजलि वेलनेस सेंटर के रूप में रूपान्तरित कर आज
मानवता की सेवा के लिए उसको लोकार्पित किया गया।
आज से ही पतंजलि वेलनेस में स्वास्थ्य शिविरों की श्रृंखला
प्रारंभ हुई जिसमें सबसे पहले स्वामी रामदेव ने योग साधकों को योगासनों व पतंजलि प्रणीत आठों प्राणायामों का
अभ्यास कराया।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि वैलनेस पतंजलि योगपीठ-2 का नया अवतरण है। यह दुनिया
का सबसे बड़ा वेलनेस सेंटर है। उन्होंने कहा कि हमने पतंजलि वेलनेस की इंटिग्रेटेड पैथी के रूप में एक बहुत बड़ा
अनुष्ठान प्रारंभ किया है। हमारा उद्देश्य है कि संसार के सभी लोग स्वस्थ हों, निरोगी हों। योग, यज्ञ, आयुर्वेद,
प्राकृतिक चिकित्सा अर्थात् हमारी मूल प्रकृति और मूल संस्कृति से जुड़कर अपनी सारी विकृतियों से मुक्ति पा
सकें। यह एक ऐसी जीवन पद्धति है,
जिससे पूरा संसार पुनः उपकृत होगा और दोबारा अपने मूल, अपनी निजता
व अपने स्वरूप से जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि सब स्वस्थ होंगे,
अपने आत्मबोध को उपलब्ध होते हुए योग से अपना
आत्मनिर्माण करते हुए निर्वाण के, पूर्णता के, मुक्ति के पथ पर आगे बढ़ेंगे।
स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि वैलनेस में योग व यज्ञ चिकित्सा के साथ-साथ पंचकर्म में स्नेहन, स्वेदन,
वमन, विरेचन, नस्य, शिरोधारा, अभ्यंग, रक्तमोक्षण, अक्षितर्पण के साथ रोगानुसार विविध बस्तियाँ कमर दर्द में
कटि बस्ति व पूर्ण पृष्ठ बस्ति, सर्वाइकल में ग्रीवा बस्ति, घुटनों के दर्द में जानु बस्ति, हृदय रोग में हृदय बस्ति,
श्वासगत रोग में लंग बस्ति, उदर रोग में उदर बस्ति आदि से चिकित्सा की जाती है।
पतंजलि वेलनेस की इकाइयां वेदालाइफ-ऋषिकेश, मोदीनगर, कोलकाता, गुवाहाटी, योगग्राम और निरामयम,
हरिद्वार के रूप में संचालित हैं।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका साध्वी आचार्या देवप्रिया, अंशुल, पारूल, ललित मोहन,
स्वामी परमार्थ देव एवं राकेश, डॉ. जयदीप आर्य, अजय आर्य, स्वामी तीर्थदेव तथा विभिन्न राज्यों के राज्य प्रभारी
उपस्थित रहे।
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