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पाँच फ़रवरी को हैदराबाद के एक मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामानुजाचार्य की 216 फ़ीट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया था। सरकार ने इसे ‘समता की मूर्ति’ नाम से सम्बोधित है।

लेकिन राहुल गांधी ने इस पर तंज़ कसते हुए ट्वीट कर कहा, ”स्टैचू ऑफ इक्वालिटी चीन में बनी है। नया भारत क्या चीन पर निर्भर है?”atmanirbhar bharat abhiyan campaign: Industrial dependency on china needs  to curve gradually, indigenisation long way : चीन पर धीरे-धीर खत्म करनी  होगी निर्भरता, वोकल फॉर लोकल' का लंबा है सफर - Navbharat

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस मूर्ति को चीन के एरोसन कॉर्पोरेशन ने बनाया है।इस पर संस्कृति मंत्री कृष्ण रेड्डी ने कहा कि सरकार इस मूर्ति के निर्माण में शामिल नहीं थी।

यह एक निजी पहल थी और आठ साल पहले शुरू की गई थी। यह मूर्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान के पहले से बन रही थी।इस विवाद को छोड़ भी दें तो चीन भारत में लक्ष्मी, दुर्गा की मूर्ति से लेकर पतंग का मांझा तक बेचता है।How much india can reduce its dependence on china : भारत आयात के लिए चीन पर  कितना निर्भर है - Navbharat Times

सुषमा स्वराज ने कहा था, ”मई 2014 से पहले चीन का निवेश 116 अरब डॉलर था जो आज बढ़कर 160 अरब डॉलर हो गया है। चीन ने भारत में भारी निवेश किया है और उनका रिस्क यहाँ ज़्यादा है।

”सुषमा स्वराज की बात के ठीक अलग क़दम मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में एलएसी पर तनाव बढ़ने के बाद उठाया और चीनी निवेश पर निगरानी बढ़ाई। लेकिन भारत का चीन से आयात कम नहीं हुआ।भारत-चीन संबंध: विश्वास की कसौटी पर कितने खरे? | ORF

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में चीन से ट्रेड वॉर छेड़ा था, लेकिन इसके बावजूद 2021 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 755.6 अरब डॉलर का रहा. 2021 में दोनों देशों के व्यापार में 28.7 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

इसमें अमेरिका का निर्यात महज़ 179.53 अरब डॉलर ही है। 2021 में, चीन के कुल छह ट्रिलियन डॉलर के विदेशी व्यापार में अमेरिका का योगदान केवल 12 फ़ीसदी रहा। अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।