यूपी के 27555 शिक्षकों की याचिका की तरफ से अपनी टीम के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय मे सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली से भारत के जाने-माने वकीलों में शुमार डॉ. ए पी सिंह ने अनुदेशकों की तरफ से मुख्य न्यायाधीश की बेंच के समक्ष अनुदेशकों का पक्ष सुनवाई करने की गुहार लगाई 11:30 बजे मामले को रखा गया
प्रख्यात वकील डॉ. ए पी सिंह ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि अनुदेशकों को 17000/- मानदेय दिया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी 2017 में 17000 मानदेय देने का आदेश दिया था मगर उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र के इस आदेश का भी पालन नहीं किया,
फिर डबल इंजन की सरकार का क्या महत्व रह जाएगा वहीं राज्य सरकार की ओर से एमसी चतुर्वेदी, अतिरिक्त महाधिवक्ता, सुरेश सिंह, एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल एवं डॉ. एलपी मिश्रा ने दलीलें रखी, विशेष खंडपीठ ने 11.30 से 1:15 तक बहस सुनने के बाद मामले को कल 17 तारीख को रखा है!
गौरतलब है कि प्रदेश के 27555 पीटीआई टीचरों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17000 रुपए कर दिए थे जिसको यूपी सरकार ने लागू नहीं किया मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया
जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने टीचरों को 2017 से 17000/- मानदेय 9 परसेंट ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार में विशेष अपील दाखिल की थी
इसी अपील में टीचरों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ. ए पी सिंह इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचे उनके साथ विक्रम सिंह, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश अनुदेशक संघ, बृजेश त्रिपाठी, अनुराग, आशुतोष शुक्ला आदि सैकड़ों अनुदेशक रहे! samadhanvani https://youtu.be/c-wgH2e7dTs