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कांग्रेस चुनाव में मतपत्र पर राहुल गांधी का नाम लिख आए इसीलिए रिजेक्ट हो गए

विधानसभा चुनाव, पार्टी को एकजुट रखने की चुनौती

कांग्रेस चुनाव में मतपत्र पर राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में 416 वोट रिजेक्ट हो गए। दरअसल, कुछ नेता मतपत्र में राहुल गांधी का नाम लिख आए थे, जबकि वे जानते थे कि राहुल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। कुछ नेता तो मतपत्र में अपना नाम और कुछ मोबाइल नंबर भी लिख आए।नाव में कुल 9,385 वोट पड़े।          भारत विश्व का पहला देश जहां कथा का जन्म हुआ : प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी

मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्होंने शशि थरूर को 6,825 वोटों से हराया। खड़गे को 7,897 वोट और थरूर को 1,072 वोट ही मिल सके। इस तरह से 24 साल बाद कांग्रेस को गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है।
सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था।

कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने वाले खड़गे दूसरे दलित नेता हैं। इसके अलावा वे कर्नाटक से इस पद को संभालने वाले दूसरे नेता भी हैं। बिहार से आने वाले बाबू जगजीवन राम खड़गे से पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले पहले दलित नेता थे। कांग्रेस के ‘वन मैन वन पोस्ट’ नियम के तहत आने वाले दिनों में उन्हें इस्तीफा देना होगा।

राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पार्टी के इस नियम को सख्ती से लागू करने की बात कही थी।चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले 65वें नेता हो गए हैं। वे बाबू जगजीवनराम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। खड़गे की जीत जितनी बड़ी है, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी उनके सामने हैं। वे जिस समय पार्टी आलाकमान की जिम्मेदारी लेने आगे आए हैं, तब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार बची है।

कांग्रेस पार्टी को 24 साल बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया

कांग्रेस चुनाव में मतपत्र पर राहुल गांधी

हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं। वहीं, अगले साल यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में खड़गे के सामने पार्टी को एकजुट करने और चुनाव मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।संविधान की रक्षा की है। आज लोकतंत्र खतरे में है और संविधान पर हमले हो रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस ने आंतरिक चुनाव लोकतंत्र को मजबूत किया है।

देश में नफरत फैलाई जा रही है। इसके खिलाफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं।आजादी के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को मिलाकर कांग्रेस के 17 नेता पार्टी अध्यक्ष बन चुके हैं। इनमें 5 गांधी परिवार से थे, जबकि 12 गैर गांधी राजनेता थे। हालांकि इन 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। कुल 33 साल ही पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही।

कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ये संगठन का चुनाव है, हमारे घर का मामला है। हर कोई किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र है। लोगों ने मेरा समर्थन किया और मैं उम्मीदवार हूं। कांग्रेस जैसा विशाल संगठन चलाने के लिए गांधी परिवार का मार्गदर्शन चाहिए।  IRCTC Apprentice Trainee (COPA) Recruitment 2022 – 80 Vacancies

कांग्रेस कमेटियों में बैलेट बॉक्स भेजे गए थे। 17 अक्टूबर को वोटिंग के बाद मतपेटियां नई दिल्ली के 24 अकबर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय (AICC) लाई गई थीं। यहीं उनकी काउंटिंग की गई।कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) ने चुनाव में 36 पोलिंग स्टेशनों पर 67 बूथ बनाए थे। सबसे ज्यादा 6 बूथ UP में थे। हर 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया था। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी समेत 47 डेलिगेट्स ने कर्नाटक के बेल्लारी में वोट डाला था।

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