अलसी के बीज
अलसी के बीज के बारे में आपने खूब सुना होगा। हेल्दी रहने के लिए आमतौर पर फ्लैक्स सीड्स खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो दिल की सेहत के साथ कई तरह के कैंसर के जोखिम को कम करना का काम करते हैं।
ग्रीन-टी
ग्रीन-टी पीने के अलावा आप इसे चेहरे पर लगा भी सकती हैं। इसके लिए ग्रीन-टी को बनाकर उसे ठंडा होने दें और फिर उसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें मिला दें। अब इस मिश्रण तो रात में सोते वक्त लगा लें। सुबह पानी से चेहरे को धो लें।ग्रीन-टी में कई सारे एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर की मुक्त कणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। मुक्त कण यानी फ्री रैडिक्लस कई तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं।
डार्क चॉकलेट
चॉकलेट के ज़्यादा सेवन को सपोर्ट नहीं किया जाता है, हालांकि, डार्क चॉकलेट को खाने के कई फायदे होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट का काम करने वाले पॉलीफेनोल्स की भारी मात्रा होती है।डार्क चॉकलेट त्वचा को नुकसान से बचाती है और उम्र बढ़ने के संकेतों को दूर करती है।
किशमिश
किशमिश ड्राई किए गए अंगूर होते हैं, जो कई विटामिन्स, खनीज, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, फाइटोन्यूट्रियंट्स, पॉलीफेनोल और कई तरह डाइटरी फाइबर से भरपूर होते हैं। इसलिए अगर आप सेहत को दुरुस्त रखना चाहते हैं, तो डाइट में किशमिश को ज़रूर शामिल करें।
चकदा एक्सप्रेस को लेकर जमकर पसीना बहा रहीं अनुष्का
किशमिश अघुलनशील डाइटरी फाइबर से भरी हुई होती हैं, जो उन्हें एक प्राकृतिक रेचक बनाता है, जो मल त्याग में सुधार करता है, और हमारे सिस्टम से मल को आसानी से बाहर निकालता है। किशमिश कब्ज़ के साथ-साथ अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे पेट दर्द, आंत्र सिंड्रोम, गैस, सूजन और पेट फूलना आदि से राहत देने का काम करती है।
लहसुन
हाई ब्लड प्रेशर में लहसुन का सेवन फायदेमंद साबित होता है। लहसुन में एलीसीन पाया जाता है, जिससे रक्तचाप पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए सलाद में लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, सूप में लहसुन मिलाकर सेवन किया जा सकता है।लहसुन के सेवन से सर्दी-खांसी, जुकाम और अस्थमा में भी आराम मिलता है। लहसुन बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रभावकारी है। साथ ही इसके सेवन से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
नींबू शिमला मिर्च
रोजाना एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़कर पीना होगा। अगर किडनी की किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही ऐसा करें और अगर किसी बीमारी से ठीक होने के लिए नहीं बल्कि हमेशा ही किडनी को हेल्दी और क्लीन रखना चाहते हैं तो रोज़ाना इसका सेवन करें।
शिमला मिर्च में भी विटामिन सी की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है लेकिन लाल शिमला मिर्च में विटामिन सी के अलावा फोलिक एसिड और विटामिन ए भी मौजूद होता है। साथ ही कुछ मात्रा में पौटेशियम भी। तो ये सारी ही चीज़ें किडनी को नेचुरली साफ करने में मदद करती हैं।
अदरक
अदरक में क्लोरीन, आयोडीन, विटामिन और कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व शामिल होते हैं, जो किडनी में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालते हैं। हरे, काले और लाल अंगूर में से इसके लिए आप लाल अंगूर को चुनें। पोटैशियम, कैल्शियम, फोलेट और आयरन से भरपूर लाल अंगूर खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती।
करी पत्ते
करी पत्ते में कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन, कॉपर, फॉस्फोरस और कई विटामिन्स से भरपूर होता है, जो आपकी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। करी पत्ते में डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन जैसे गुण आपकी वज़न घटाने और शरीर में जमें फैट्स को कम में काफी मदद कर सकते हैं।नींबू का रस, करी पत्ते का रस और चीनी को मिलाकर पी लें। इससे उल्टी, मतली और जी मिचलाना जैसी दिक्कतें दूर हो जाएंगी।करी पत्ते में ऐसे गुण होते हैं, जो कब्ज़ और गैस जैसी पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।करी पत्ते में भरपूर मात्रा में विटामिन-ए पाया जाता है। विटामिन-ए आंखों की सेहत के लिए ज़रूरी होता है। रोज़ करी पत्ते का सेवन आपको कई तरह के संक्रमण से बचाने का काम कर सकता है।