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पेशावर मस्जिद में हुए ब्लास्ट पर पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ने प्रतिक्रिया दी

पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने प्रतिक्रिया दी है

पेशावर

पेशावर मस्जिद में हुए ब्लास्ट पर पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि इस तरह श्रद्धालुओं पर हमला तो भारत में भी नहीं होता है। 30 जनवरी को पेशावर की पुलिस लाइन्स की मस्जिद में धमाका हुआ था। इसमें 100 लोगों की मौत हो गई थी। 221 लोग घायल हैं। पाकिस्तान नेशनल असेंबली में डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने कहा- भारत या इजराइल में नमाज के दौरान नमाजियों पर हमला नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तान में नमाजियों के बीच बैठे एक हमलावर ने खुद को उड़ा दिया।

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मंत्री आसिफ ने कहा- हमने आतंकवाद का बीज बोया है

‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री आसिफ ने कहा- हमने आतंकवाद का बीज बोया है। इसके खिलाफ अब मिलकर लड़ना होगा। अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान सुधर जाए। पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। पेशावर पेशावर खैबर पख्तूनख्वा राज्य की राजधानी है। इस इलाके में TTP का खासा दबदबा है और पिछले दिनों इसी संगठन ने हमले की धमकी भी दी थी। 31 जनवरी को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

भारत पेशावर में हुए फिदायीन हमले की कड़ी निंदा करता है

पेशावर

बागची ने मंगलवार को ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा- भारत पेशावर में हुए फिदायीन हमले की कड़ी निंदा करता है। TTP को लेकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बेहद खतरनाक रूप लेता जा रहा है। दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन पर तमाम एंट्री और एग्जिट पॉइंट बंद किए जा चुके हैं। हालात ये हैं कि दो महीनों में दोनों देशों के बीच फायरिंग में करीब 16 पाकिस्तानी पेशावर सैनिक मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान सरकार हमलों के लिए TTP को जिम्मेदार बताती है।

अहमद यासिर ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर करके दिया था

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राणा सनाउल्लाह की धमकी का जवाब तालिबान के सीनियर लीडर और उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर करके दिया था। पहले इस फोटो के बारे में जान लीजिए।यह फोटो 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की है। पाकिस्तानी सेना की करारी शिकस्त हुई थी। उसके 90 हजार से अधिक सैनिकों ने सरेंडर किया था। सरेंडर डॉक्यूमेंट पर पाकिस्तान की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाजी ने दस्तखत किए थे।

सरेंडर के बाद बांग्लादेश एक अलग मुल्क बना था

उनके ठीक बगल में मौजूद थे हमारी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा। इसी सरेंडर के बाद बांग्लादेश एक अलग मुल्क बना था और पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे। उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने इस फोटो के साथ उर्दू में एक कैप्शन शेयर किया। इसमें कहा- राणा सनाउल्लाह, जबरदस्त। भूलिए मत कि ये अफगानिस्तान है। ये वो अफगानिस्तान है जहां बड़ी-बड़ी ताकतों की कब्रगाहें बन गईं। हम पर फौजी हमले का ख्वाब मत देखिए, वरना अंजाम उतना ही शर्मनाक होगा जितना भारत के सामने आपका हुआ था।

विस्फोट पर कहा कि भारत में भी प्रार्थना के दौरान उपासक नहीं मारे जाते

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार को पेशावर में एक मस्जिद के अंदर हुए घातक आत्मघाती बम विस्फोट पर कहा कि भारत में भी प्रार्थना के दौरान उपासक नहीं मारे जाते. नेशनल असेंबली में हमले पर बात करते हुए, आसिफ ने कहा, “भारत या इज़राइल में भी प्रार्थना के दौरान उपासक नहीं मारे गए, लेकिन यह पेशावर पाकिस्तान में हुआ।” डॉन के अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता का आह्वान करते हुए मंत्री ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए अपने घर को व्यवस्थित करने का समय है।

यह युद्ध पीपीपी के कार्यकाल में स्वात से शुरू हुआ था

पेशावर

मंत्री ने 2010-2017 तक की आतंकवाद की घटनाओं को याद करते हुए कहा, “यह युद्ध पीपीपी के कार्यकाल में स्वात से शुरू हुआ था और यह पीएमएल-एन के पिछले कार्यकाल के दौरान समाप्त हुआ था, और देश में कराची से स्वात तक शांति स्थापित हुई थी।” अगर आपको याद हो तो, डेढ़ या दो साल पहले हमें इसी हॉल में दो, तीन बार एक ब्रीफिंग दी गई थी. जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इन लोगों के खिलाफ बातचीत की जा सकती है और उन्हें शांति की ओर लाया जा सकता है।

आसिफ ने कहा कि इस मामले पर अलग-अलग राय सामने आई थी

आसिफ ने कहा कि इस मामले पर अलग-अलग राय सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई “निर्णायक निर्णय” नहीं लिया गया। पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुए आतंकी हमले की भारत ने मंगलवार को कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जताई थी। नेशनल असेंबली में हमले पर अपने विचार जाहिर करते हुए आसिफ ने कहा, ‘भारत या इज़राइल में भी प्रार्थना के दौरान उपासक नहीं मारे गए, लेकिन यह पाकिस्तान में हुआ।

यह पाकिस्तान के लिए अपने घर को व्यवस्थित करने का समय है

पेशावर

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावर सोमवार दोपहर की नमाज के समय आगे की कतार में मौजूद था, जब उसने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। विस्फोट से मस्जिद की छत गिर पड़ी, जिससे नमाज पढ़ने वाले मलबे के नीचे दब गए। डॉन के अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता का आह्वान करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि यह पेशावर पाकिस्तान के लिए अपने घर को व्यवस्थित करने का समय है। उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन अगर आपको याद है, डेढ़ या दो साल पहले हमें इसी हॉल में दो, तीन बार एक ब्रीफिंग दी गई थी ।

पाकिस्तान में आकर बसने के बाद हज़ारों लोग बिना नौकरी के रह गए थे

पेशावर

जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इन लोगों के साथ बातचीत की जा सकती है और उन्हें शांति की ओर लाया जा सकता है।’ आसिफ ने कहा कि इस मामले पर अलग-अलग राय सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई ‘अंतिम और ठोस फैसला’ नहीं लिया गया। उन्होंने आगे कहा कि पेशावर अफ़ग़ानों के पाकिस्तान में आकर बसने के बाद हज़ारों लोग बिना नौकरी के रह गए थे। आसिफ ने यह भी कहा कि पहला सबूत तब सामने आया जब स्वात के लोगों ने वहां फिर से बस रहे लोगों का विरोध किया।

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