भारतीय सेना चीन सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी को लेकर अब बल ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित 12 स्वाति हथियार खोजने वाले रडार खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय के सामने एक प्रस्ताव रखा है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना लगभग 1,000 करोड़ रुपये के स्वाति डब्ल्यूएलआर के इस प्रस्ताव को उच्च स्तरीय रक्षा मंत्रालय की बैठक में रखने की योजना बना रहा है। दुश्मन के हथियारों की मिलेगी सटीक जानकारी: डीआरडीओ की तरफ से तैयार स्वाती रडार्स को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) की तरफ से निर्मित किया गया है। हाल ही में इस रडार सिस्टम को विदेशी सेना को भी सप्लाई किया गया है।
स्वाति हथियार का पता लगाने वाले रडार की मदद से 50 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के हथियारों जैसे मोर्टार शेल्स, रॉकेट और सेना की सही लोकेशन की जानकारी मिल सकेगी। रडार एक साथ अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग हथियारों से दागे गए कई प्रोजेक्टाइल का पता लगा सकते हैं।