प्रयागराज, गाजियाबाद और आगरा में न्यू सिस्टम
अब कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी कमिश्नरेट प्रणाली पर होगी
कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद शहर में कमिश्नरेट सिस्टम लागू हो गया है। वहीं, संगम नगरी प्रयागराज में भी कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया है। ताजनगरी आगरा में भी अब कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी कमिश्नरेट प्रणाली पर होगी। लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर और कानपुर में पहले से कमिश्नरेट सिस्टम लागू है। तीन नए कमिश्नरेट गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा बनने के बाद इसकी संख्या सात हो गई है।
प्रयागराज और आगरा में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू होगा
अपराध पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार की ओर से कई अहम निर्णय पिछले दिनों लिए गए हैं। इस क्रम में अब तीन नए कमिश्नरेट सिस्टम को लागू करने पर मंजूरी प्रदान की गई है। योगी सरकार की ओर से गाजियाबाद में नया कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा प्रयागराज और आगरा में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू होगा। शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई।योगी सरकार की ओर से तेजी से विकसित हो रहे शहरों में कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया जा रहा है।
तीनों कमिश्नरेट में एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों की तैनाती
उत्तर प्रदेश में अभी चार पुलिस कमिश्नरेट कार्य कर रहे हैं। इसमें लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर और कानपुर शामिल हैं। तीन नए कमिश्नरेट गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा बनने के बाद इसकी संख्या सात हो जाएगी। योगी कैबिनेट ने शुक्रवार की बैठक में 17 प्रस्तावों को हरी झंडी दी।कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद तीनों कमिश्नरेट में एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। आईजी रैंक के अधिकारी जॉइंट कमिश्नर बन पाएंगे। इससे जिले के कानून व्यवस्था और विधि व्यवस्था की समीक्षा का कार्य तेजी से हो सकेगा।
लॉ एंड ऑर्डर संबंधी अधिकार अब कमिश्नर के पास होंगे
मिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद पुलिसिंग के रैंक में भी बदलाव हो जाएगा। थानों को लेकर सीओ की तैनाती के स्थान पर एसीपी की तैनाती की जाएगी। उनके अधिकार अधिक होंगे।कमिश्नर के अधिकार बढ़ेंगे कमिश्नरेट क्षेत्र में अब कमिश्नर के पास मजिस्ट्रेट की शक्तियां होंगी। नए सिस्टम से कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होगी। लॉ एंड ऑर्डर संबंधी अधिकार अब कमिश्नर के पास होंगे।कमिश्नरेट में तैनात होने वाले पुलिस कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि हो जाएगी।
कुल 7 जिलों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू
लाठी चार्ज से लेकर गोली चलाने तक के अधिकार कमिश्नर के पास आ जाएंगे। अभी तक यह अधिकार एसडीओ के पास है। दंडाधिकारी के आदेश पर ही पुलिस लाठीचार्ज या भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोली चला सकती है।सूबे में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश में तीन अलग-अलग चरणों में कुल 7 जिलों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ है। सबसे पहले योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 13 जनवरी 2020 को लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की थी।
आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू
लखनऊ में सुजीत पांडे और नोएडा में आलोक सिंह सबसे पहले पुलिस कमिश्नर बने थे। फिर मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुआ था। कानपुर में विजय सिंह मीणा और वाराणसी में ए सतीश गणेश को पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। अब योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में तीसरे चरण में तीन महानगर आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया गया है।यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार गठन के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
किसी भी वक्त इन तीनों जिलों में पुलिस कमिश्नर तैनात
क्राइम रेट को और कम करने का निर्देश दिया गया है। इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। इस तरह प्रदेश के कुल 7 जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हो चुकी है। योगी कैबिनेट की मुहर लगने के बाद पुलिस कमिश्नर की तलाश भी तेज हो गई है, किसी भी वक्त इन तीनों जिलों में पुलिस कमिश्नर तैनात किए जा सकते हैं।दिल्ली से सटे इस जिले में बाहरी गैंग का भी खासा प्रभाव दिखा है।
आगरा में दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल स्थित
ऐसे में योगी सरकार ने कमिश्नरेट सिस्टम के जरिए जिले की आपराधिक घटनाओं पर काबू पाने का फैसला लिया है। आगरा और प्रयागराज यूपी में पर्यटन का बड़ा केंद्र है। आगरा में दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल स्थित है। इसे देखने देश, दुनिया से लोग आते हैं। प्रयागराज में तो हाई कोर्ट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और यूपी बोर्ड कार्यालय होने से इलाके की संवेदनशीलता बढ़ी है। यहां पर मूवेबल आबादी सबसे अधिक आती है। उस लिहाज से अपराधिक घटनाओं की संख्या में भी पिछले दिनों वृद्धि हुई।
बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में आजादी से पहले से पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू है
पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम 1861 पर आधारित है। देश के बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में आजादी से पहले से पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू है। उस समय सारी न्यायिक ताकत पुलिस कमिश्नर (सीपी) के पास होती थी। वहीं, आजादी के बाद यह सिस्टम देश के अन्य महानगरों में भी लागू हुई। मौजूदा समय में देश के कई महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू है। यूपी में भी अब तक 4 जिलोंं में यह सिस्टम लागू किया जा चुका है। इसमें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और नोएडा शामिल हैं।
एडीजी रैंक का अधिकारी पुलिस आयुक्त होता है
एडीजी रैंक का अधिकारी पुलिस आयुक्त यानी पुलिस कमिश्नर होता है। यह जिले की कमिश्नरेट का सर्वोच्च पद होता है। इसके बाद आईजी रैंक का अधिकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त होता है। डीआईजी रैंक के अफसर अपर पुलिस आयुक्त बनाए जाते हैं। उनकी तैनाती क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर के लिहाज से अलग-अलग होती है। पुलिस कमिश्नरेट वाले जिलोंं को अलग-अलग जोन में बांट दिया जाता है। फिर हर एक जोन में एसपी रैंक का अधिकारी पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) नियुक्त किया जाता है।