रुद्राक्ष की उत्पत्ति भोलेनाथ के आंसूओं से हुई है

रुद्राक्ष

रुद्राक्ष की उत्पत्ति भोलेनाथ के आंसूओं से हुई है

रुद्राक्ष की उत्पत्ति भोलेनाथ के आंसूओं से हुई है

रुद्राक्ष

रुद्राक्ष की माला पहने हुए आपने बड़े-बड़े ज्योतिष और पंडितों को जरूर देखा होगा। क्योंकि इसका सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इसको पहनने से अकाल मृत्यु और शत्रु की बाधा से दूर रहते हैं. रुद्राक्ष तीन तरह के होते हैं जिसमें 14 मुखी, गणेश और गौरी शंकर शामिल है। लेकिन क्या आपको इसको पहनने के तरीके के बारे में पता है। अगर नही तो लेख में इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है जो आपके लिए मददगार होगा। राशि के अनुसार धारण करेंगे तो मिलेंगे फायदे, घर में रहेगी सुख शांति और कारोबार में उन्नति ! इस माला को सोमवार, पूर्णिमा या अमावस्या के दिन पहनना अच्छा होता है।

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रुद्राक्ष का संबंध देवी-देवताओं और नवग्रहों से है

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हिंदू मान्यता के अनुसार इसकी उत्पत्ति भोलेनाथ के आंसूओं से हुई है। इसलिए इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए अक्सर लोगों को इसका धारण करते देखा है. इसका संबंध देवी-देवताओं और नवग्रहों से है.इसके साथ ही कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसकी प्राण-प्रतिष्ठा अवश्य कर लें। अगर राशि के अनुसार रुद्राक्ष को धारण किया जाए, तो शुभ होता है। विद्या, ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को तीन मुखी व छ: मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे तीव्र बुद्धि मिलती है। साथ ही अद्भुत स्मरण शक्ति भी प्राप्त होती है।

सोते समय रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए

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जो जातक पढ़ाई में कमजोर हों उन्हें इस तरह के रुद्राक्ष जरूर धारण करने चाहिए।तीन मुखी या छ: मुखी धारण करने से रचनात्मक कार्यों में भी बहुत लाभ मिलता है। फैशन डिजाइनिंग, सौन्दर्य जगत, लेखक या सम्पादक जैसे क्षेत्रों में ये लाभकारी साबित होगा।इस माला को पहनने के बाद मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. वहीं, किसी और व्यक्ति की पहनी हुई माला को कभी ना धारण करें। इसके अलावा सोते समय रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। मेष और वृश्चिक राशि 3 मुखी, वृषभ और तुला राशि 6 मुखी, मिथुन और कन्या वाले 4 मुखी की इसकी माला धारण करें।

पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो 5 मुखी धारण करें

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जबकि कर्क वाले 2 मुखी, सिंह 1मुखी, धनु और मीन 5 मुखी, मकर और कुंभ राशि वाले 7 मुखी रुद्राक्ष पहनेंगे तो लाभकारी होगा। अगर आपके विवाह में अड़चनें आ रही हैं तो गौरी शंकर रुद्राक्ष माला धारण करें. इससे शादी विवाह से जुड़ी सभी समस्याओं से निजात मिलेगा.अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो 5 मुखी धारण करें। अगर आप अपना चौमुखी विकास करना चाहते हैं तो नौ मुखी, चार मुखी या फिर तीन मुखी धारण करें। इसका सबसे बड़ा गुण यह भी है कि यह संकल्प शक्ति में वृद्धि करता है जिससे आप अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंच पाएंगे।

रुद्राक्षों को धारण करने से व्यक्ति को उन्नति मिलेगी

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अगर आप बार-बार इंटरव्यू में असफल हो रहे हैं तो इनमें से कोई एक रुद्राक्ष को धारण करें। इनको धारण करने से व्यक्ति को उन्नति मिलेगी सेहत संबंधी परेशानियों से निजात पाने के लिए आप 11 मुखी पहनें. इसके अलावा नौकरी में परेशानी आ रही है तो 3 मुखी पहनें।अगर आपको मदिरा जैसी कोई और बुरी आदत की लत लग गई है तो 5 मुखी रुद्राक्ष की माला पहनिए, जल्द ही गलत आदत जाएगी छूट।अगर आपकी शादी नहीं हो रही है या फिर आपका गृहस्थ जीवन सुखी नहीं है या फिर समाज में शत्रु हो गए हैं, रिश्ते नाते ठीक नहीं चल रहे हैं तो दो मुखी या गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

शादी में आ रही रुकावटों को भी दूर करता है

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इसे धारण करने से घर में होने वाले परस्पर झगड़ों से मुक्ति पाई जा सकती है।ये रुद्राक्ष पति-पत्नी, पिता-पुत्र, भाई-बहन, गुरु शिष्य अथवा मित्रों आदि के साथ के मतभेदों को दूर करता है। शादी में आ रही रुकावटों को भी दूर करता है। इनमें से किसी भी रुद्राक्ष को मंगलवार के दिन धारण करें।अगर आप अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं या फिर वाहन चलाने से घबराते हैं या फिर बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं, कुंडली में हमेशा ही कोई नीच ग्रह या बाधा बनी रहती हो, भाग्य आपका साथ न देता है तो ग्यारह मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

यह जादू-टोनों से मुक्ति दिलाता है

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यह जादू-टोनों से या फिर बुरी नजर से भी मुक्ति दिलाता है।अगर आपको लगात है कि आपके घर में बुरे साए का वास हो जो आपको परेशान करता हो तो सभी पारिवारिक सदस्य इसे धारण करें। यह घर में पवित्रता बनाए रखता है। इसका इस्तेमाल वाहन अथवा तिजोरी की चाबी में छल्ले में भी किया जा सकता है।अगर आप किसी से बेहद प्रेम करते हैं या फिर आप आकर्षण प्राप्त करना चाहते हैं तो छ: मुखी या तेरह मुखी धारण करें। अगर आप थिएटर या मंच से जुड़े हुए हैं या फिर धर्माचार्य या शिक्षक हैं तो भी यह आपके बेहद काम आएगा।ये व्यक्ति को उनके क्षेत्र के मुकाम को हासिल करने में भी लाभकारी सिद्ध होते हैं।

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