आहार में हरा साग शामिल करने से इम्यूनिटी बढ़ती है
आहार में हरा साग शामिल करने से इम्यूनिटी बढ़ती है। न्यूट्रिशनिस्ट अमर देव यादव बता रहे हैं हरे साग बनाने का सही तरीका।साग जब खरीद कर लाएं तो पहले इसकी जड़ काटें। इसके बाद साग को 4 से 5 बार पानी बदल-बदल कर अच्छे से धो लें और थोड़ी देर तक ऐसे ही रखा रहने दें। साग से जब पानी निथर जाए तो इसे चाकू से बारीक काटें। कभी भी साग काटने के बाद न धोएं। ऐसा करने से साग में मौजूद पोषक तत्व पानी के साथ निकल जाते हैं। कई बार साग खरीदते वक्त लोग मार्केट से कटवा लेते हैं ताकि दिक्कत न हो।
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साग में कई तरह कंपोनेंट पाए जाते हैं
साग पोषक तत्वों से भरपूर होता है। साग में कई तरह कंपोनेंट पाए जाते हैं। साग शरीर और दिमाग के लिए फायदेमंद है। अगर आप अपच की शिकायत, त्वचा संबंधी समस्याएं और अन्य मौसमी बीमारियों से राहत चाहते हैं तो हरा साग डेली डाइट में लें। साग को पोषक तत्वों का एक पावरहाउस कहा जा सकता है, क्योंकि यह फाइबर, विटामिन, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्वों से भरपूर है।
इसमें पोषक तत्वों की मात्रा काफी हद तक कम हो जाती है
लेकिन ऐसा साग केवल स्वाद के लिए खाया जा सकता है, इसमें पोषक तत्वों की मात्रा काफी हद तक कम हो जाती है।साग को फ्राई करके सब्जी की तरह खाया जाता है। लेकिन इसे उबाल कर खाने पर ज्यादा फायदा मिलता है। लेकिन पालक को हल्का उबालें ताकि पोषक तत्व बर्बाद न हो। मेथी हरी सब्जियों को उबालकर खाने से आंखों की समस्या में लाभ मिलता है। साथ ही आपको कई रोग नहीं होते हैं।सब्जी को तेल में फ्राई करने पर इसमें फैट की मात्रा होती है जिससे कि फैट बढ़ता है।
हल्की उबली सब्जी खाने से वेट कंट्रोल रहता है
जबकि हाफ बॉयल सब्जियों में पोषण तत्व होते हैं। हल्की उबली सब्जी खाने से वेट कंट्रोल रहता है। एसिडिटी की प्रॉब्लम नहीं होती। खाना आसानी से पचता है। स्किन पर चमक आती है और बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है।साग खरीदते समय यह ध्यान दें कि पालक का रंग प्राकृतिक रूप से हरा होना चाहिए। अगर साग से स्मेल आ रही है तो इसे ना खरीदें। बहुत ज्यादा धूल-मिट्टी लगा साग न खरीदें, जड़ निकाला गया साग खरीदें। जिस साग की पत्तियां ताज़ी लगे वही खरीदें। बथुआ काफी पौष्टिक होता है।
इसमें कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं
इसमें आठ प्रकार के विटामिन्स पाए जाते हैं. इसमें कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. हमें सिर्फ मौसम में मिलने वाली सब्जियां ही खानी चाहिए। जहां तक संभव हो सब्जियां और फल छिलके सहित खाने की कोशिश करें, क्योंकि इनमें मौजूद फाइबर कब्ज दूर करने में सहायक होता है। हालांकि आजकल सब्जियों पर कई तरह के हानिकारक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव होता है। इसलिए काटने से पहले उन्हें गर्म पानी में पांच मिनट तक डुबोकर अच्छी तरह धो लें, क्योंकि सब्जियां काटकर धोने से उनमें मौजूद विटामिंस नष्ट हो जाते हैं।
हरी सब्जियों को बहुत ज्यादा देर तक न पकाएं
हरी सब्जियों को बहुत ज्यादा देर तक न पकाएं क्योंकि इससे उनमें मौजूद मिनरल्स नष्ट हो जाते हैं, लेकिन गाजर को ज्यादा देर तक पकाना चाहिए क्योंकि देर तक पकाने से इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व लाइकोपीन की मात्रा बढ़ जाती है। उबले या बेक्ड आलू खाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। फ्रेंच फ्राई या आलू टिक्की जैसी चीज़ों में कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा का मिश्रण सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होता है।सब्जियों और फलों के रंगों में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।
हर रंग की सब्जियों और फलों को शामिल करने की कोशिश करें
इसलिए हमेशा अपने भोजन में हर रंग की सब्जियों और फलों को शामिल करने की कोशिश करें।आमतौर पर हमें मौसम में मिलने वाली सब्जियां ही खानी चाहिए। जहां तक हो सके सब्जियों और फलों को छिलके सहित खाने की कोशिश करें, क्योंकि इनमें मौजूद फाइबर कब्ज दूर करने में सहायक होता है। हालांकि आजकल सब्जियों पर कई तरह के हानिकारक कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है। इसलिए काटने से पहले उन्हें पांच मिनट तक गर्म पानी में डुबोकर अच्छी तरह धो लें, क्योंकि सब्जियों को काटने के बाद धोने से उनमें मौजूद विटामिन नष्ट हो जाते हैं।
सब्जियों को काटने से पहले अच्छी तरह धो लें
खासकर ठंड में मिलने वाली सब्जियों (पालक, सरसों, चौलाई, बथुआ, सोया, मेथी, गाजर, मूली आदि) को काटकर नहीं धुलना चाहिए, इसमें मौजूद पोषक तत्व पानी के साथ बह जाते हैं। इसलिए सब्जियों को काटने से पहले अच्छी तरह धो लें। हरी सब्जियों को ज्यादा देर तक न पकाएं क्योंकि इससे उनमें मौजूद मिनरल्स खत्म हो जाते हैं, लेकिन गाजर को ज्यादा देर तक पकाना चाहिए क्योंकि ज्यादा देर तक पकाने से उसमें मौजूद पौष्टिक तत्व लाइकोपीन की मात्रा बढ़ जाती है।
उबला या बेक किया हुआ आलू खाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। फ्रेंच फ्राइज या आलू टिक्की जैसी चीजों में कार्बोहाइड्रेट के साथ फैट का कॉम्बिनेशन सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है।