आठवें एमो कम टॉरपीडो कम रॉकेट (एसीटीसीएम) बार्ज, LSAM 22 (यार्ड 132) की भर्ती सेवा 06 जनवरी 25 को मैरीटाइम डॉकयार्ड, मुंबई में लटका दी गई।
LSAM 22
स्वीकृति सेवा के लिए मुख्य आगंतुक कमांडर विनय वेंकटरम, अधिकारी इन-कंट्रोल, आर्मडा सपोर्ट यूनिट (एमबीआई) थे। ग्यारह एसीटीसीएम बार्ज के विकास और परिवहन के लिए अनुबंध 05 ब्लेमिश 21 को एमएसएमई शिपयार्ड, ठाणे के मेसर्स सूर्यदीप्ता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया।
सात एसीटीसीएम बार्ज को सक्रिय रूप से वितरित किया गया है और शिपयार्ड को भारतीय नौसेना को चार सलेज बार्ज के विकास और परिवहन के लिए अनुबंध भी दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप एमएसएमई को सशक्त बनाने की दिशा में भारतीय नौसेना की जिम्मेदारी सामने आई है।
भारतीय शिपिंग रजिस्टर
शिपयार्ड ने इन बार्ज को एक भारतीय बोट प्लानिंग फर्म के साथ मिलकर तैयार किया है और इस प्रकार सुरक्षा की गारंटी के लिए विशाखापत्तनम स्थित मैरीटाइम साइंस एंड इनोवेटिव रिसर्च फैसिलिटी में मॉडल का परीक्षण किया है।
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ये फ्लैटबोट भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के प्रासंगिक समुद्री सिद्धांतों और दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं। ये मालवाहक जहाज भारत सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के बैनर तले चल रहे हैं।
इन नहरी नावों की भर्ती से भारतीय नौसेना के कार्यात्मक कर्तव्यों को बल मिलेगा, क्योंकि ये पास के घाटों और बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय नौसेना के ठिकानों पर सामान/गोला-बारूद के परिवहन, चढ़ने और उतरने में मदद करेंगी।