
इजराइल की आर्थिक रीढ़ पर किया गया वार

ईरानी मिसाइल युद्ध में अब तक दोनों पक्षों को करीब 75-80 अरब डॉलर व की आर्थिक क्षति हुई है। रिपोटों के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्टैटेजिक स्टडीज की मिलिट्री बैलेंस रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने इजराइल के तेलअवीव, हाइफा, बीपरशेवा और अशदोद जैसे आर्थिक और सामरिक शहरों को लक्षित करके भारी तबाही मचाई है। इन शहरों के कई पॉश इलाके लगभग खंडहर के रूप में तब्दील हो चुके हैं। इन शहरों को निशाना बनाना ईरान की सामरिक रणनीति का एक अहम हिस्सा था।
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ईरानी मिसाइलों ड्रोनों ने इजराइल बंदरगाह, गैस टर्मिनल को तबाह किया है, जिन्हें देश को रीढ़ माना जाता है।तेल अयीय इसाइल का आर्थिक और तकनीकी हब है। यहां ईरान ने चुन चुन कर प्रमुख स्थानों को बैलिस्टिक मिसाइलों से निशाना बनाया। इन मिसाइल हमलों से अनेक अत्यधिक बहुमंजिला इमारते वह गई। हजारों लोगों ने घरबार खो दिए और देश की अर्थव्यवस्था की रोड़ मानी जाने वाली 500 से अधिक कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई। इसके अलावा हाफा दरगाह पट्रोकेमिकल रिफाइनरी और प्रमुख विद्युत संयंत्र नष्ट हो गए।
इसाइल की छोड़ी गई मिसाइल में तेहरान के कई इलाकों में इमारते क्षतिग्रस्त हो गई

मुताबिक इजराइल को लगभग 30 से 12 दिन के भीषण युद्ध से 10 साल पीछे चला गया ईरान, भरपाई में लगेंगे कई वर्ष 35 अरब डॉलर की क्षति हुई है, जिसमें रक्षा प्रणाली, बुनियादी ढांचे और नागरिक परिसंपत्तियों को हुए नुकसान शामिल हैं। जबकि ईरान लगभग 40 से 45 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान है, जिसमें तेल रिफाइनरियों, सैन्य ठिकानों और परिवहन नेटवर्क पर हमले शामिल हैं।Vist n Youtube
ब्रिटिश डिफेंस एनालिस्ट डॉ. मार्टिन क्रॉस का कहना है कि यह युद्ध अब केवल ईरान और इजराइल का नहीं बल्कि पूरी दुनिया को तनाव में डालने वाला था। अमेरिका की खुली भागीदारी ने इसे एक वैश्विक सामरिक संकट में बदल दिया था। इस युद्ध से दोनों देशों को जो व्यापक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने में कई वर्ष लग जाएंगे। ईरानी विश्लेषक डॉ. फरीद काजमी अनुसार ईरान के लिए यह युद्ध अपने अस्तित्व की रक्षा की चुनौती बन गया था। उसे रूस चीन से मैदानी समर्थन न मिल पाने के कारण उसकी रणनीतिक स्थिति कमजोर हुई। इस युद्ध के कारण हुई व्यापक क्षति की वजह से ईरान लगभग 10 वर्ष पीछे चला गया है।
ईरान के रियोल्यूशनरी गार्स कमांड सेंटर के प्रमुख अली शादनानी की मौत सरकारी मीडिया ने बुधवार को शादमानी की मौत की सूचना दी। गार्स कमांड सेंटर ने शादमानी की हत्या का ईरानी सेना प्रमुख बदला लेने की कसम खाई है। हालांकि शादमानी की इजराइल से ने 17 जून को ही शादमानी को मार गिराने का दावा किया था। कहा था कि उन्होंने शादमानी को मार गिराया है, जिसकी पहचान ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ और सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर के रूप में की गई थी।