
काजोल की शख्सियत आज भी उतनी ही दबंग

पहली फिल्म’बेखुदी’ से गिनें तो काजोल को 33 साल हो चुके हैं एक्टिंग करते। शख्सियत उनकी आज भी उतनी ही दबंग है, जितनी पहली फिल्म के समय थी और विचारों की स्पष्टता उनकी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। इस बार चार बातें काजोल की मैंने कभी नारीवाद का झंडा नहीं उठाया। मेरा मानना है कि किसी परचम तले आने से बेहतर है अपना काम ईमानदारी से करना और सिर्फ वही करना, जिसे करने के लिए आपकी आत्मा साथ दे। मैंने बहुत सारी फिल्मों को हां की, बहुत सारी फिल्मों को न की, नतीजा जो भी रहा हो, लेकिन संतोष यही रहा कि यह फैसला मेरा अपना था। बेटी का साथ दें: हां, हिंदी सिनेमा में शादी अलग ही टैबू रहा है। हालांकि अब यह भी धीरे-धीरे चार बातें साथ देना चाहिए।
काली-रक्तबीज की कहानी फिल्म ‘मां’ का विचार पहले-पहल जब मेरे पास आया तो यह काली और रक्तबीज की कहानी सरीखी एक रोमांचक फिल्म थी। हॉरर का पुट इसमें फिल्म का क्लाइमेक्स शूट करते हुए आया।
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काजोल का कहना है शादी किसी भी बेटी के लिए उसका अपना फैसला होना चाहिए

अजय देवगन ने इस दौरान कुछ दृश्यों का निर्देशन कर मेरी मदद की। लेकिन मैंने जब शादी की,तब बहुत सारे लोगों ने मुझे मना किया था। शादी किसी भी बेटी के लिए उसका अपना फैसला होना चाहिए और अगर आपको उसकी फिक्र है तो फिर उसके फैसले में यह मेरा पहला अनुभव रहा।बच्चों पर दबाव न बनाएं: मेरे बच्चे किसी तरह के दबाव में नहीं रहते। उनको क्या करना है,यह उनका अपना फैसला है। हां, वे अगर कोई राय मांगते हैं तो हम हमेशा उनके आसपास हैं। बच्चों पर अपनी कोई राय थोपने या अपनी कोई अधूरी ख्वाहिश बच्चों के जरिए पूरा करने की में समर्थक नहीं हूं।। Youtube



