
जिम्स में की जा रही संक्रामक बीमारियों के वायरसों का परीक्षण की जांच

जिम्स में ही खांसी-जुकाम के मरीजों में होने वाले वायरस नए वेरिएंट का परीक्षण हो जा रहा है। वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (वीआरडीएल) में ऐसी जांच होने से मरीजों को दिल्ली या निजी अस्पताल नहीं जाना पड़ रहा है। अस्पताल में जांच होने से मरीजों को जल्द इलाज मिल जा रहा है।जिम्स अनुसंधान विभाग के को-नोडल अधिकारी और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि हर्पीज सिंप्लेक्स वायरस 1 और 2 (आरटी-पीसीआर) यानी तंत्रिका तंत्र और त्वचा से संबंधित संक्रमण की जांच की जा रही है। इसमें प्रारंभिक हर्पीज संक्रमण का सटीक पता लगाया जा रहा है। वायरल एन्सेफेलाइटिस पैनल (रियल टाइम क्वालिटेटिव पीसीआर)-11 प्रमुख वायरसों का परीक्षण किया जा रहा है।
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ये जाचे कराने के लिए पहले मरीजों को दिल्ली या निजी अस्पतालों में जाना पड़ता था।डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि खांसी-जुकाम के मरीजों में होने वाले वायरस नए वेरिएंट का परीक्षण किया जाता है। इन्फ्लूएंजा ए, बी जैसे श्वसन वायरस के वेरिएंट का परीक्षण किया जा रहा है। वीआरडीएल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. वरुण गोयल ने बताया कि वीआरडीएल भारत में प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है, जो विशेष रूप से महामारी और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान वायरल डायग्नोस्टिक्स, निगरानी और अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करने के लिए स्थापित किया गया है।