
योगी कैबिनेट ने कुल 30 प्रस्तावों को दी स्वीकृति

श्रमिकों को विदेश भेजने के रोजगार देने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन का रास्ता साफ कर दिया है। यह मिशन हर वर्ष सवा लाख से अधिक युवाओं को देश-विदेश में रोजगार उपलब्ध कराएगा। करीब एक माह के अंतराल पर गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 30 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिनमें चौड़ी सड़कों के किनारे के भवनों में दुकान खोलने और कम जगह में ज्यादा निर्माण की अनुमति देने संबंधी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 भी शामिल हैं। श्रमिकों को यह उपविधि भूखंड स्वामियों को शोषण से राहत देने के लिए भवन निर्माण के कड़े मानकों में काफी हद तक छूट देगी। इसके साथ ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को भी हरी झंडी मिल गई है। करीब 50 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 4,776 करोड़ रुपये में छह लेन का बनेगा, जो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पहले टोल (महुरा ‘कला) से सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पहले के टोल से जोड़ा जाएगा।यह भी पढ़ें:हिमाचल : पूरा गांव बहा, 56 लापता, वायुसेना से मांगी सहायता
श्रमिकों को कैबिनेट बैठक में जिन अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है, उनमें लखनऊ में सपा सरकार में बने जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को संचालित करने की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंप दी गई है। आठ वर्ष से बंद पड़े इस केंद्र को पीपीपी माडल पर एलडीए संचालित करवाएगा। लखनऊ में वृंदावन योजना में एकीकृत सिटी बस टर्मिनल और वाणिज्यिक क्षेत्र सुविधाओं का पीपीपी माडल पर विकास कराने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिल गई है। बैठक में माध्यमिक शिक्षा, समाज कल्याण, उच्च शिक्षा, ग्राम्य विकास, पशुपालन, होमगार्ड व चीनी उद्योग विभाग की नियमावलियों में संशोधन के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई। नियुक्तियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने राजकीय महाविद्यालयों में सहायक आचार्य की भर्ती में अब लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी है। अभी तक केवल साक्षात्कार के जरिए चयन हो जाता था।
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सेवा आयोग से भरने का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया।

श्रमिकों को उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ गठन के बाद प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता और कौशल के अनुसार निजी क्षेत्रों में नौकरी दिलाने में मदद करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि एक वर्ष के भीतर देश में एक लाख और विदेश में 25 से 30 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। मिशन को सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत पंजीकृत किया जाएगा। इसका संचालन पांच स्तर की समितियों द्वारा किया जाएगा, जिनमें शासी परिषद, राज्य संचालन समिति, राज्य कार्यकारिणी समिति, जिला कार्यकारिणी समिति और राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई शामिल होंगी।श्रमिकों को इसके माध्यम से देश-विदेश में रोजगार मांग का सर्वेक्षण, प्रतिष्ठित कंपनियों की सूची तैयार कर उसमें मांग एकत्र करना, स्किल गैप का आकलन और आवश्यक प्रशिक्षण, भाषा प्रशिक्षण और प्री डिपार्चर ओरिएंटेशन, करियर काउंसलिंग, प्लेसमेंट, सहायता और फालोअप सेवा का काम किया जाएगा।
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि अब तक रोजगार के लिए श्रमिकों को विदेश भेजने का काम सीधे श्रम एवं सेवायोजन विभाग नहीं करता था। इसके लिए लाइसेंसधारी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था। इससे कई बार उन्हें शोषण या धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब श्रम विभाग विदेश में रोजगार दिलाने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। वैश्विक स्तर पर प्रदेश की श्रम शक्ति की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह मिशन उस क्षमता को दिशा और अवसर देने का माध्यम बनेगा।
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