
दिल्ली-रोहतक मार्ग पर ये टोल प्लाजा मौजूद हैं

दिल्ली में प्रवेश से पहले राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने एमसीडी के टोल बूथ जल्द हटाए जाएंगे। केंद्र सरकार ने दिल्ली की सीमा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम के लिए एमसीडी टोल प्लाजा को जिम्मेदार ठहराते हुए इन्हें हटाने को कहा है।केंद्र ने सुझाव दिया है कि इन टोल से एमसीडी को होने वाले राजस्व की भरपाई Delhi सरकार दूसरे संसाधनों से करे। दिल्ली की सीमा पर वैसे तो एमसीडी के 124 टोल नाके हैं, लेकिन एनएचएआई की सड़कों पर करीब 10 स्थानों जैसे यूपी गेट, सिंधु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, ।दिल्ली को भीड़मुक्त बनाने को लेकर बीते दिनों एक अहम बैठक हुई थी। इसमें केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वीके सक्सेना मौजूद थे। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने टोल प्लाजा के कारण दिल्ली की सीमा पर वाहनों की लंबी कतार का मुद्दा उठाया था।
एमसीडी के टोल प्लाजा को तुरंत हटाए जाने चाहिए
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गडकरी ने कहा, जाममुक्त योजना के तहत सिग्नलमुक्त कॉरिडोर के उद्देश्य को टोल वसूली बाधित कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौजूद एमसीडी के टोल प्लाजा को तुरंत हटाए जाने चाहिए सुझाव परे मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल ने जल्द जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया। इस दौरान निर्णय लिया गया कि एनएच से अवैध होर्डिंग हटाए जाएं। एनएचएआई को निर्देश दिया कि वे एमसीडी के साथ मिलकर इन संरचनाओं को हटाएं विशेषकर वे जो रास्ते पर लगे हुए हैं। पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क पर पुनर्विचार करे सरकार एमसीडी के टोल बूथ पर लगने वाले पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) की प्रासंगिकता पर सवाल उठाया गया है। मंत्रालय की ओर से बैठक में कहा गया कि ईसीसी की व्यवस्था प्रदूषण फैलाने वाले व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए की गई थी। अब ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा हो चुका है, जिससे व्यावसायिक वाहनों की संख्या कम हुई है।



