
दर्जनों गांवों में घुसा पानी, सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए ग्रामीण

नेपाल में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। Nepal से आने वाले पानी की वजह से बिहार में कोसी और बागमती नदियां उफान पर हैं। कोसी बैराज के गेट खोले जाने से लाखों क्यूसेक पानी आ रहा है, इससे उत्तर बिहार में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अधिकारियों ने बताया कि सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में कोसी और बागमती नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और प्रशासन हाई अलर्ट पर है। नेपाल में पिछले दो दिनों से जारी लगातार वर्षा के बाद वीरपुर बैराज से लगभग 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे कोसी का बहाव अचानक तेज हो गया। बागमती का जलस्तर भी हायाघाट और बेनीबाद में खत्तरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। दोनों नदियों की तेज धारा और किनारों पर कटाव से दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। दरभंगा, सहरसा और सुपौल जिलों के कई निचले इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं। गांवों में घरों में पानी घुसने से लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। राज्य जल संसाधन विभाग ने कोसी और बागमती के तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी है। सभी जिलों के डीएम को 24 घंटे मॉनिटरिंग और राहत शिविरों की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं >>>Visit: Samadhanvani
Nepal में दो दिनों से जारी भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन ने मचाई तबाही

Nepal में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही मची है और 51 लोगों की जान भी चली गई है। लांगंग क्षेत्र में ट्रैकिंग अभियान पर गए 16 लोगों में से चार लोग लापता हो गए हैं सप्तकोशी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। कोसी बैराज क्षेत्र में रविवार शाम को भी मूसलाधार बारिश हुई। नदी में पानी का बहाव तेज होने से कोसी बैराज के सभी 56 गेट खोल दिए गए हैं। बैराज के अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम 6 बजे नदी का बहाव पांच लाख 30 हजार 95 क्यूसेक प्रति सेकंड तक. पहुंच गया। खतरे के संकेत के रूप में बैराज पर लाल बत्ती जलाकर और लाल झंडा फहराकर सतर्कता बरती जा रही है। सुरक्षा कारणों से बैराज क्षेत्र में वाहनों की आवाज़ाही भी रोक दी गई है।नेपाल के सुनसरी जिले के प्रमुख जिला अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार मिश्र के नेतृत्व में नेपाली सुरक्षा बलों की टीम और भारत के बिहार राज्य के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कोसी बैराज का निरीक्षण किया। नेपाल के सात में से पांच प्रांतों-कोशी, मधेस, बागमती, गंडकी और लुंबिनी में मानसून सक्रिय हुआ है।



