
रक्षामंत्री प्रणालियों का संयुक्त उत्पादन करें भारत और ऑस्ट्रेलिया : राजनाथ

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलियाई उद्योग जगत को भारत में अत्याधुनिक Defense Minister प्रणालियों के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। राजनाथ ने कहा कि दोनों देश संयुक्त उपक्रमों के माध्यम से अपने रणनीतिक लक्ष्यों के अनुरूप साझा प्लेटफॉर्म तैयार कर सकते हैं वह सिडनी में आयोजित पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग व्यापार गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हमारे इरादों की घोषणा है कि हम रक्षा क्षेत्र में नवाचार, सह-विकास और सह-उत्पादन के जरिये नई ऊंचाइयां छूना चाहते हैं राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों का मानव रहित रोबोटिक पनडुब्बी, उड़ान सिमुलेटर और एडवांस मटीरियल के क्षेत्र में सह-विकास व सह-उत्पादन के लिए स्वागत करता है। भारत के पास मजबूत जहाज निर्माण क्षमता है और भारतीय शिपयार्ड ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाजों की मरम्मत और रखरखाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं ऑस्ट्रेलिया क्वांटम सिस्टम, स्वायत्त जलयानों और समुद्री निगरानी जैसे क्षेत्रों में महारत रखता है, जबकि भारत के पास विशाल विनिर्माण क्षमता, सॉफ्टवेयर कौशल और स्वदेशी क्षमताएं हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ और ऑस्ट्रेलिया का रक्षामंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समूह पहले से ही टोएड ऐरे सेंसर (सोनार सिस्टम) पर सहयोग कर रहे हैं, साथ ही क्वांटम प्रौद्योगिकी, एआई, साइबर सुरक्षा, सूचना युद्ध और उन्नत विज्ञान के क्षेत्र में चर्चा आगे बढ़ रही है>>>Visit: Samadhanvani
भारत-ऑस्ट्रेलिया मिलकर बना रहे हैं सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से परिवर्तनकारी होनी चाहिए। सिंह ने सम्मेलन को केवल एक व्यापारिक बातचीत नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी के इरादे की घोषणा बताया। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया अब महज रणनीतिक साझेदार नहीं, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के सह-निर्माता बनने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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