
उमेश अवात्रामणि संयुक्त अरब अमीरात में रहते हुए संस्था को भरपूर सहयोग

‘‘पदमा फाउंडेशन’’ पंजिकृत एक बेटे का अपनी मॉ को दिया गया श्रद्धांजलि है। उमेश अवात्रामणि व दिनेश सहरावत ने एक साथ मिलकर इस संस्था की शुरुआत अपनी मॉ की याद में की। वो मॉ, जिनकी मुस्कान में ममता और आँखों में केवल अपनापन था। आज वही भावना इस फाउंडेशन के माध्यम से आने लोगों तक पहुॅचा रही है। उमेश अवात्रामणि संयुक्त अरब अमीरात में रहते हुए संस्था को भरपूर सहयोग करते हैं, और इस संस्था को उनके करीबी अधिवक्ता मित्र दिनेश सहरावत भारत में जरूरतमंदों के लिए चला रहे हैं।इसी भावना से जन्मी ‘‘फ्री फूड सेवा’’ एक ऐसा प्रयास जो जरूरतमंदों तक मुफ्त और पौष्टिक भोजन पहुॅचाता है। सेवा यानी निःस्वार्थ भाव से किया गया कार्य, इस पूरी पहल की आत्मा है। यह सिर्फ खाना बॉटना नहीं है, यह दिल से दिया गया सम्मान है। हर थाली में प्यार है, अपनापन है, और एक संदेश है। आप अकेले नहीं है, आपकी परवाह है।>>>Visit: Samadhanvani
मॉ ने हमेशा सिखाया कि हर इंसान को इज्जत और स्नेह मिलना चाहिए

‘पदमा फाउंडेशन’’ उमेश अवात्रामणि ने कहा कि इस संस्था की शुरुआत का हमारा मुख्य उद्देश्य हमारी मॉ की उन शिक्षाओं को सम्मान देना था जो मानवता, गरिमा और हर व्यक्ति के लिए सम्मान की भावना पर आधारित थी – चाहे उनका धर्म या पृष्ठभूमि कुछ भी हो। ‘‘फ्री फूड सेवा’’ हमारी अध्यात्मिक और पारंपरिक परवरिश से प्रेरित है, जिसके लिए हम अपनी प्रिय माताओं के हमेशा आभारी रहेंगे।दिनेश सहरावत बताते हैं कि ‘‘हमारी मॉ ने हमेशा सिखाया कि हर इंसान को इज्जत और स्नेह मिलना चाहिए। हम उसी भावना को आगे बढ़ा रहे हैं।’’आज यह पहल सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संवेदनाओं का सेतु बन चुकी है। पदमा फाउंडेशन आज – अस्पतालों के बाहर, बस अड्डों पर, वृद्ध आश्रमों में, नेत्रहीन बच्चों के बीच और अनाथ आश्रमों में। जहॉ यह समाज के जरूरतमंद वर्गो तक सीधी पहुंच बनाकर उन्हें सहयोग प्रदान कर रही है।हर जगह एक ही मकसद है – इंसानियत को जीवित रखना। फ्री फूड सेवा हमें याद दिलाती है कि एक मॉ का प्यार सिर्फ घर तक सीमित नहीं होता – वो पूरी दुनिया में रोशनी फैला सकता है।



