
दस वर्षों तक रक्षा साझेदारी बढ़ाने पर दोनों देशों में समझौता

अमेरिका में चल रही वार्ता के बीच शुक्रवार को दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में 10 साल के एक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह करार कुआलालंपुर में हुई बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष पीटर हेगसेथ के बीच हुआ। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह करार अमेरिका से संबंधों के नए दौर की शुरुआत हैआसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए कुआलालंपुर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नए दशक में दोनों देश रणनीतिक साझेदारी बढ़ाएंगे। भारत- अमेरिका में पहले से जारी रक्षा समझौता हाल ही में खत्म हुआ है। नए समझौते के तहत इसे अगले दस साल के लिए बढ़ाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि दोनों नेताओं ने ‘अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा’ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 2025-35 के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित है।सूत्रों के अनुसार, इनमें सहयोग के उन क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है, जहां अगले दस वर्षों के दौरान दोनों देश मिलकर कार्य करेंगे। हालांकि, फ्रेमवर्क समझौते पर कोई विशिष्ट जानकारी साझा नहीं की गई है लेकिन प्रारंभिक जानकारी से पता चला है कि दोनों देश रक्षा क्षेत्र से जुड़े अहम क्षेत्रों में भागीदारी को मजबूत करेंगे। इसमें हथियार निर्माण से लेकर शोध और सैन्य अभ्यास तक शामिल है। >>>Visit: Samadhanvani
भारत में एफ 414 जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए प्रस्तावित सौदे पर भी बातचीत हुई

समझौता रणनीतिक रूप से अहम : विश्लेषकों का कहना है कि यह समझौता भारत और अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से अहम है, क्योंकि दक्षिण एशियाई देशों में भारत अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है। यह करार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच तनातनी और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के बढ़ते दखल को रोकने में मददगार होगा। मिशन 500 की तरफ बढ़े दोनों देश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल फरवरी में अमेरिका के दौरे पर गए थे। तब प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त रूप से ‘मिशन 500’ का ऐलान किया था इसके जरिए वर्ष 2030 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर करना है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस समझौते की मदद से दोनों देशों के बीच अगले एक दशक में रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है।: मलेशिया के कुआलालंपुर में शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रथा मंत्री पीटर हेगरोथ ने रक्षा करार पर हस्ताक्षर किए। पीरक्षा सहयोग में भारत अमेरिका के लिए एक प्राथमिकता वाला देश है। हम स्वतन्त्र एवं खुले हिंद-प्रशात क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।



