
मतदाता पहचान पत्र बनाना भी होगा आसान

पंचायत चुनाव में फर्जी वोटरों को पकड़ेगा एप। राज्य निर्वाचन आयोग इस एप को तैयार करवा रहा है। इससे बूथ पर वोट देने आने वाले हर मतदाता का फोटो लिया जाएगा, जो उसी वक्त (रियल टाइम में) आयोग के सर्वर पर सिंक होकर पहुंच जाएगा। इससे कोई एक मतदाता, मतदान के उसी चरण में या अन्य किसी चरण में दुबारा वोट नहीं डाल पाएगा।: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने हैं। वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में कुल 12.45 करोड़ मतदाता थे। इनमें 90 लाख से ज्यादा मतदाता ऐसे मिले हैं, जिनके नाम, पिता के नाम और लिंग समान हैं। आयोग का मानना है कि मतदाता सूचियों में 2.27 करोड़ मतदाता डुप्लीकेट हैं। इन्हें जांच के बाद हटाने के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। यूपी में अभी पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में मतदाताओं के फोटो नहीं लगे हैं। इसलिए डुप्लीकेट मतदाताओं के फर्जी वोटिंग करने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। इसे रोकने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने खास मोबाइल एप तैयार करने का निर्णय लिया है। >>>Visit: Samadhanvani
दूसरी बार नहीं डाल पाएंगे वोट

अगर कोई मतदाता दूसरी बार वोट देने जाएगा तो वहां भी उसका फोटो लिया जाएगा। ऐसा होते ही ऐप अलर्ट जारी कर देगा कि उससे पहले उस विशिष्ट नंबर वाले मतदाता ने कहां, कब और कितने समय वोट डाला था। तब दूसरी बार मतदान करने वाले मतदाता के खिलाफ आसानी से कार्रवाई हो सकेंगी आयोग के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि पंचायत चुनाव में 70-80 प्रतिशत मतदान होता है। एप के माध्यम से 70-80 फीसदी मतदाताओं के फोटो आयोग के सर्वर पर आ जाएंगे। इनका उपयोग बाद में फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र बनाने में किया जा सकेगा। मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में हो चुका है। इस एप का उपयोग मतदान के दिन सभी पीठासीन अधिकारी करेंगे। मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड के जरिये वे इस एप पर जाकर लॉगइन कर सकेंगे। जो भी मतदाता वोट देने ज्ञानवापी : सील वजूखाने के पास सीसीटीवी लगवाने की अर्जी वाराणसी। ज्ञानवापी आदि विशेश्वर अर्जेंट पूजा-पाठ से जुड़े वाद की सुनवाई शनिवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक) हितेश अग्रवाल की अदालत में हुई। वादी शैलेंद्र कुमार योगिराज की ओर से एक नई अर्जी दाखिल की गई। अर्जी में कहा गया किं सील वजूखाने में लगे ताले को कपड़ा फट गया है इसलिए सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में नया कपड़ा लगवाया जाए। सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएं ताकि हर गतिविधि पर निगाह रखी जा सके। मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी। नई अर्जी में वादी की ओर से कहा गया कि इतने कम समय में ताले पर लगा कपड़ा कैसे फट गया, यह जांच का विषय है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने परिसर की सुरक्षा और संरक्षण का स्पष्ट आदेश दिया है। कपड़ा फटने के पीछे कोई साजिश भी हो सकती है।



