46th Session of World Heritage:केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी एस जयशंकर जी, गजेंद्र सिंह शेखावत जी, यूनेस्को की डायरेक्टर जनरल ऑद्रे ऑज़ुले जी, मंत्रिमंडल के मेरे अन्य सदस्य राव इंद्रजीत सिंह जी, सुरेश गोपी जी, और वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी के चेयरमैन विशाल शर्मा जी, अन्य सभी महानुभाव,देवियों और सज्जनों,

46th Session of World Heritage

आज भारत गुरु पूर्णिमा का पवित्र पर्व मना रहा है। सबसे पहले, मैं आप सभी को और सभी देशवासियों को ज्ञान और आध्यात्म के इस पर्व की बधाई देता हूँ। 46th Session of World Heritage सितंबर में होगी. और भारत में ये आयोजन पहली बार हो रहा है, और स्वाभाविक है कि मेरे सहित सभी देशवासियों को इसकी विशेष खुशी है।

46th Session of World Heritage
46th Session of World Heritage : ये भारत की 46th Session of World Heritage और नॉर्थ ईस्ट इंडिया की पहली धरोहर होगी,

Distinguished individuals, खास तौर पर मैं यूनेस्को की डाइरेक्टर जनरल ऑद्रे ऑज़ुले का भी अभिनंदन करता हूँ। मुझे विश्वास है, हर ग्लोबल आयोजन की तरह ये इवेंट भी भारत में सफलता के नए कीर्तिमान गढ़ेगा। साथियों, अभी मैं विदेशों से वापस लाई गईं प्राचीन धरोहरों की प्रदर्शनी भी देख रहा था। बीते वर्षों में हम भारत की 350 से ज्यादा प्राचीन धरोहरों को वापस लाये हैं।

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प्राचीन धरोहरों का वापस आना, ये वैश्विक उदारता और इतिहास के प्रति सम्मान के भाव को दिखाता है। यहाँ Vivid Display भी अपने आप में एक शानदार अनुभव है। -Evolve is a Friends, वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी का ये कार्यक्रम भारत के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि से जुड़ा है।

46th Session of World Heritage और नॉर्थ ईस्ट इंडिया

मुझे बताया गया है कि, हमारे नॉर्थ ईस्ट इंडिया के ऐतिहासिक ‘मोइदम’ यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल होना प्रस्तावित हैं। ये भारत की 46th Session of World Heritage और नॉर्थ ईस्ट इंडिया की पहली धरोहर होगी, जिसे कल्चरल वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा मिल रहा है। मोइदम अपनी विशेषताओं के कारण बेहद खास हैं। मुझे विश्वास है, वर्ल्ड हेरिटेज सूची में आने के बाद इनकी लोकप्रियता और बढ़ेगी, दुनिया का आकर्षण बढ़ेगा।

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46th Session of World Heritage:आप दिल्ली का ही उदाहरण लीजिये… दुनिया दिल्ली को भारत की कैपिटल सिटी के रूप में जानती है। लेकिन, ये शहर हजारों वर्ष पुरानी विरासतों का केंद्र भी है।

साथियों, आज के इस आयोजन में दुनिया के कोने-कोने से आए एक्सपर्ट्स, ये अपने आप में इस समिट की समृद्धि को दर्शाता है। ये आयोजन भारत की उस धरती पर हो रहा है, जो विश्व की प्राचीनतम जीवंत सभ्यताओं में से एक है। हमने देखा है… विश्व में विरासतों के अलग-अलग केंद्र होते हैं। लेकिन भारत इतना प्राचीन है कि यहाँ वर्तमान का हर बिन्दु किसी न किसी गौरवशाली अतीत की गाथा कहता है।

आप दिल्ली का ही उदाहरण लीजिये… दुनिया दिल्ली को भारत की कैपिटल सिटी के रूप में जानती है। लेकिन, ये शहर हजारों वर्ष पुरानी विरासतों का केंद्र भी है। यहाँ आपको कदम-कदम पर ऐतिहासिक विरासतों के दर्शन होंगे। यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर ही कई टन का एक लौह स्तम्भ है। Rust-Resistant, 2 इससे पता चलता है कि उस समय भी भारत की मैटलर्जी कितनी उन्नत थी।

भारत की विरासत

46th Session of World Heritage:स्पष्ट है कि भारत की विरासत केवल एक इतिहास नहीं है। भारत की विरासत एक विज्ञान भी है। भारत की हेरिटेज में टॉप नॉच इंजीन्यरिंग की एक गौरवशाली यात्रा के भी दर्शन होते हैं। 3500 meters above sea level आज भी वो जगह भौगोलिक रूप से इतनी दुर्गम है कि लोगों को कई-कई किलोमीटर पैदल चलकर या हेलीकॉप्टर से जाना पड़ता है।

वो स्थान आज भी किसी कन्स्ट्रकशन के लिए बहुत चैलिंजिंग है… साल के ज्यादातर समय बर्फबारी की वजह से वहां काम हो पाना असंभव है। लेकिन, आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि केदारघाटी में इतने बड़े मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में हुआ था। उसकी इंजीन्यरिंग में कठोर वातावरण और ग्लेशियर्स का पूरा ध्यान रखा गया। यही नहीं, मंदिर में कहीं भी मोर्टर का इस्तेमाल नहीं हुआ है।

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46th Session of World Heritage :मैं आप सभी से आह्वान करता हूँ… नए तथ्यों में, उसके आलोक में इतिहास की जो नई समझ विकसित हो रही है, आप उसका हिस्सा बनें, उसे आगे बढ़ाएँ।

लेकिन, वो मंदिर आज तक अटल है। इसी तरह, दक्षिण में राजा चोल द्वारा बनवाए गए बृहदीश्वर मंदिर का भी उदाहरण है। Layout, Horizontal and Vertical Dimensions, and, Friends, मैं जिस गुजरात राज्य से आता हूँ, वहाँ धोलावीरा और लोथल जैसे स्थान हैं। धोलावीरा में 3000 से 1500 BCE पहले जिस तरह की अर्बन प्लानिंग थी…जिस तरह का वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम और व्यवस्थाएं थीं…वो 21वीं सदी में भी एक्स्पर्ट्स को हैरान करते हैं।

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46th Session of World Heritage:लोथल में भी दुर्ग और लोअर टाउन की प्लानिंग…स्ट्रीट्स और ड्रेन्स की व्यवस्था…ये उस प्राचीन सभ्यता के आधुनिक स्तर को बताता है। Friends, भारत का इतिहास और भारतीय सभ्यता, ये सामान्य इतिहास बोध से कहीं ज्यादा प्राचीन और व्यापक हैं।

इसीलिए, जैसे-जैसे नए तथ्य सामने आ रहे हैं…जैसे-जैसे इतिहास का वैज्ञानिक Verification हो रहा है… हमें अतीत को देखने के नए दृष्टिकोण विकसित करने पड़ रहे हैं। यहां मौजूद वर्ल्ड एक्सपर्टस को उत्तर प्रदेश के सिनौली में मिले सबूतों के बारे में जरूर जानना चाहिए। The Findings लेकिन, ये इंडस वैली सिविलाइज़ेशन की जगह वैदिक सिविलाइज़ेशन से मेल खाती हैं।

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46th Session of World Heritage : आज आयुर्वेद विज्ञान का लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है। ये योग, ये आयुर्वेद… ये भारत की वैज्ञानिक विरासत हैं। पिछले साल हमने G-20 समिट को भी होस्ट किया था।

भारत को जानने के लिए अवधारणाओं से मुक्त नई सोच

2018 में वहाँ एक 4 हजार साल पुराना रथ मिला है, वो ‘हॉर्स ड्रिवेन’ था। ये शोध, ये नए तथ्य बताते हैं कि भारत को जानने के लिए अवधारणाओं से मुक्त नई सोच की जरूरत है। मैं आप सभी से आह्वान करता हूँ… नए तथ्यों में, उसके आलोक में इतिहास की जो नई समझ विकसित हो रही है, आप उसका हिस्सा बनें, उसे आगे बढ़ाएँ। Friends, Humanity, the Geo-Political Factors हमें हेरिटेज के इस Potential को विश्व की बेहतरी के लिए प्रयोग करना है।

हमें अपनी विरासतों के जरिए दिलों को जोड़ना है। The 46th World Heritage Committee Meeting included, among other things, आइए… हम सब जुड़ें… एक दूसरे की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए… आइए… हम सब जुड़ें… मानव कल्याण की भावना के विस्तार के लिए! आइए… हम सब जुड़ें… अपनी हेरिटेज को संरक्षित करते हुए टूरिज्म बढ़ाने के लिए, ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके बनाने के लिए। Friends, दुनिया ने वो दौर भी देखा है, जब विकास की दौड़ में विरासत को नजरअंदाज किया जाने लगा था।

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लेकिन, आज का युग, कहीं ज्यादा जागरूक है। भारत का तो विज़न है- विकास भी, विरासत भी! बीते 10 वर्षों में भारत ने एक ओर आधुनिक विकास के नए आयाम छुए हैं, वहीं ‘विरासत पर गर्व’ का संकल्प भी लिया है। हमने विरासत के संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर हो… अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो… प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का आधुनिक कैंपस बनाना हो… देश के कोने-कोने में ऐसे अनेकों काम हो रहे हैं।

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भारत की वैज्ञानिक विरासत

46th Session of World Heritage:विरासत को लेकर भारत के इस संकल्प में पूरी मानवता की सेवा का भाव जुड़ा है। भारत की संस्कृति स्वयं की नहीं, वयं की बात करती है। भारत की भावना है- Not Me, Rather Us ! इसी सोच के साथ भारत ने हमेशा विश्व के कल्याण का साथी बनने का प्रयास किया है। आज पूरा विश्व इंटरनेशनल योग दिवस मनाता है। आज आयुर्वेद विज्ञान का लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है। ये योग, ये आयुर्वेद… ये भारत की वैज्ञानिक विरासत हैं। पिछले साल हमने G-20 समिट को भी होस्ट किया था।

“One Earth, One Family, One Future” is the slogan. इसकी प्रेरणा हमें कहाँ से मिली?

इसकी प्रेरणा हमें ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के विचार से मिली। Challenges, food and water shortages, and other issues… हमारा विचार है- ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’अर्थात्, ये धरती हमारी माँ है, हम उसकी संतान हैं।
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46th Session of World Heritage :आज मैं एक और अहम घोषणा कर रहा हूं। 1 योगदान तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण, संरक्षण विशेष रूप से, ये पैसा ग्लोबल साउथ के देशों के काम आएगा।

इसी विचार को लेकर आज भारत इंटरनेशनल सोलर अलायंस और मिशन Life जैसे समाधान दे रहा है। साथियों, भारत वैश्विक विरासत के इस संरक्षण को भी अपनी ज़िम्मेदारी मानता है। इसीलिए, हम भारतीय विरासत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के देशों में भी हेरिटेज संरक्षण के लिए सहयोग दे रहे हैं।

Visit: samadhan vani

कंबोडिया के अंकोर-वाट, वियतनाम के चाम Sanctuaries, म्यांमार के बाग़ान में स्तूप, भारत ऐसी कई धरोहरों के संरक्षण में सहयोग दे रहा है। और इसी दिशा में आज मैं एक और अहम घोषणा कर रहा हूं। 1 योगदान तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण, संरक्षण विशेष रूप से, ये पैसा ग्लोबल साउथ के देशों के काम आएगा।

भारत में युवा Professionals के लिए World Heritage Management में सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी शुरू हो गया है। मुझे विश्वास है, कल्चरल और क्रिएटिव इंडस्ट्री, ग्लोबल ग्रोथ में बड़ा Factor बनेगी। आखिरी में, मैं विदेश से आए सभी मेहमानों से एक और अनुरोध करूंगा… To Explore Iconic Heritage Sites मुझे विश्वास है, ये अनुभव आपकी इस यात्रा को यादगार बनाएँगे।

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