64th CGPB Meeting in Bhubaneswar: भारत के खनिज , स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया
64th CGPB Meeting in Bhubaneswar
64th CGPB Meeting in Bhubaneswar : जीएसआई ने 1,065 तार्किक परियोजनाओं और बुनियादी खनिज गतिविधियों में 16% की छलांग के साथ एक व्यापक मार्गदर्शिका की रूपरेखा तैयार की
फोकल टोपोग्राफिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की 64वीं बैठक आज भुवनेश्वर के लोकसेवा भवन स्थित राज्य विधानसभा हॉल में हुई। इस अवसर का नेतृत्व खान सेवा सचिव और सीजीपीबी के निदेशक श्री वी.एल. कांथा राव ने किया।
जीएसआई के मुख्य महानिदेशक श्री असित साहा और खान सेवा के अतिरिक्त सचिव श्री संजय लोहिया भी इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे।
इस अवसर पर अनुसंधान, जांच और खनन क्षेत्रों के प्रमुख भागीदारों ने भूविज्ञान, खनिज जांच तकनीकों और बुनियादी कठिनाइयों में प्रगति के बारे में बात की।

मुख्य चर्चा खनिज संपदा विस्तार, स्वच्छ ऊर्जा अभियान, भू-खतरे प्रबंधन और व्यावहारिक घटनाक्रमों पर केंद्रित रही, जिसमें उभरती जरूरतों से निपटने के लिए सहकारी तरीके पर जोर दिया गया।
जीएसआई के अगले फील्ड सीजन वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित वार्षिक कार्यक्रम को बोर्ड के समक्ष चर्चा के लिए रखा गया। आगामी वर्ष 2025-26 के लिए, जीएसआई ने लगभग 1065 तार्किक परियोजनाओं की पहचान की है, जिसमें 402 खनिज सुधार परियोजनाएं (जी2; जी3; जी4; और सीवर्ड जांच) शामिल हैं, जो निकट भविष्य में नीलामी योग्य खनिज ब्लॉक बना सकती हैं।
167 खनिज प्रकटीकरण उद्यम (आरएमटी; अन्वेषण कार्य; सी-एमएपी; जीटी; एमपीए; मल्टीस्पेक्ट्रल/हाइपरस्पेक्ट्रल परियोजनाएं) जिनमें जी4 चरण में भविष्य की जांच के लिए आशाजनक क्षेत्रों का उत्पादन करने की क्षमता है।
जांच अभियान के अंतर्गत, बुनियादी खनिज जांच पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है, जिसमें 227 समर्पित परियोजनाएं आरईई, आरएम, ग्रेफाइट, लिथियम, वैनेडियम और पीजीई जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों पर केंद्रित हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16% की वृद्धि को दर्शाता है।
सार्वजनिक महान भूविज्ञान
एफएस 2025-26 के लिए जीएसआई के फील्ड सीजन कार्यक्रम में बुनियादी खनिजों के लिए 25% जांच शामिल है, जिसमें जीएसआई की कुल बजट में से लगभग 300 करोड़ बुनियादी खनिज जांच और परीक्षण पर खर्च किए जाएंगे।
इसके अलावा, जीएसआई ने 2025-26 के लिए सामान्य जोखिम अध्ययन, सार्वजनिक महान भूविज्ञान और केंद्रीय भूविज्ञान के तहत 141 परियोजनाएं तैयार की हैं।
इनमें हिमस्खलन, भू-तकनीकी अध्ययन, ध्रुवीय और हिमनद विज्ञान अनुसंधान, पर्यावरण परिवर्तन और पारिस्थितिकीय जांच के साथ-साथ प्रमुख भूविज्ञान में अभियान के लिए परियोजनाएं शामिल हैं। यह व्यापक दृष्टिकोण आपदा जोखिम में कमी, पर्यावरण की मजबूती और तार्किक विकास के लिए जीएसआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जीएसआई ने अनुसंधान दक्षता में सुधार के लिए अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता/एमएल प्रदर्शन, विरासत सूचना सामंजस्य और मैग्नेटोटेल्यूरिक और हेलिबॉर्न अवलोकन जैसी उभरती हुई प्रगति की व्यवस्था का उपयोग करते हुए 65 भू-सूचना विज्ञान परियोजनाएं शुरू की हैं।

इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण आकर्षण खनिज खोज प्रक्रिया हैकाथॉन विजेताओं की घोषणा थी, जिसमें नई कंपनियों और यूनिकॉर्न को लक्ष्य में तेजी लाने, खनिज भंडार प्रकटीकरण के प्रमाणों को उजागर करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता/एमएल-संचालित संभावना जांच का उपयोग करते हुए प्रदर्शित किया गया।
इसके अलावा, झारखंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की स्थलाकृति और खनिज संपदा और पूर्वोत्तर क्षेत्र की भूगोल और खनिज संपदा गाइड सहित कई प्रकाशन जारी किए गए।
64वीं सीजीपीबी बैठक में अपने स्थान पर, श्री वी.एल. कांथा राव, सचिव, खान सेवा और सीजीपीबी के कार्यकारी ने सहयोग को बढ़ावा देने और भूविज्ञान को आगे बढ़ाने में मंच की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने खान सेवा द्वारा प्रमुख अभियानों की रूपरेखा तैयार की, जिसमें दो बड़ी हालिया वित्तीय घोषणाएं शामिल थीं, जो कि बुनियादी खनिज मिशन और समुद्री खनन पर आधारित थीं।
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श्री राव ने वर्ष 2024-25 में अब तक 24 बुनियादी खनिज ब्लॉकों की सफल बिक्री और भारत द्वारा 13 समुद्री खनिज ब्लॉकों की पहली नीलामी की शुरुआत पर प्रकाश डाला। उन्होंने अनुसंधान संगठनों से खनिज अनुसंधान प्रयासों और अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार के लिए एनएमईटी वित्तपोषण का उपयोग करने का आग्रह किया।
गणना और रणनीतियों की शुरुआत
श्री राव ने एनजीडीआर पोर्टल में उपलब्ध ऐतिहासिक भौगोलिक जानकारी के उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया और अधिक अनुसंधान लाइसेंस प्रदान करने के लिए नए अभियानों पर प्रकाश डाला, जिससे निजी संगठनों को खनिज अनुसंधान परिदृश्य में योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा सके।

64th CGPB Meeting in Bhubaneswar : समूह की तकनीकी बैठक में, हैकाथॉन विजेताओं – विशेष रूप से, प्रथम पुरस्कार विजेता समूह एएमडी, द्वितीय पुरस्कार विजेता समूह जीएसआई और तृतीय पुरस्कार विजेता समूह आईआईटी-आईएसएम, धनबाद ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता/एमएल उपकरणों का उपयोग करके बुनियादी खनिजों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी गणना और रणनीतियों की शुरुआत की।
खनिज अन्वेषण कार्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता/एमएल के केंद्रित उपयोग द्वारा जीएसआई को उनके खनिज अन्वेषण कार्य में ये दर्शन बहुत उपयोगी होंगे। साथ ही, बैठक में वनों की कटाई के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा नियमों में हाल ही में किए गए बदलावों और एनजीडीआर में हाल ही में किए गए सुधारों पर भी चर्चा की गई।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में, श्री वी.एल. कांथा राव ने भी विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हुए एक प्रस्तुति पेश की।
इसमें भूविज्ञान के विविध विषयों पर प्रदर्शनियां लगाई गईं, जिसमें जीएसआई, पीएसयू, गोपनीय अनुसंधान संगठनों और नवीन कंपनियों ने अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया।