200 Not Out documentary:मुंबई समाचार ने समाचार कवरेज में वैधता का एक उदाहरण स्थापित किया है, जिसे प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है
200 Not Out documentary
200 Not Out documentaryp:दुनिया के सभी देशों के अल्पसंख्यकों को पारसी समुदाय से लाभ उठाना चाहिए,अल्पसंख्यकों में अगर कोई अल्पसंख्यक है, तो वह पारसी है, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोगों को पारसी समुदाय से लाभ उठाना चाहिए, जो अपने कर्तव्यों के लिए ही अपना जीवन जीते हैं और जिन्होंने बिना कुछ मांगे हर क्षेत्र में योगदान दिया है
एक गुजराती जिसने वही कारण दिखाया जिसके लिए झांसी की रानी ने अपना जीवन बलिदान कर दिया, 2014 में प्रतिज्ञा की, ‘मुंबई समाचार’ इन दोनों समाचारों को प्रकाशित करने वाला पहला अख़बार है
मुंबई समाचार ने बिना किसी धर्म से जुड़े अपने पाठकों तक हमेशा सच्चाई पहुंचाई है,’मुंबई समाचार’ एशिया का सबसे पुराना और सबसे ज़्यादा पढ़ा जाने वाला अख़बार है दुनिया का तीसरा सबसे पुराना गतिशील अखबार
मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति
200 Not Out documentary ‘मुंबई समाचार’ के बारे में कहा जाता है कि अगर इस अखबार में कुछ छपा है तो वह सच होना चाहिए ,मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति में प्राथमिक भाषा में अनिवार्य प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाया गया है
हमारा दायित्व तब तक पूरा नहीं होता जब तक हम बच्चों को अपनी भाषा नहीं सिखाते, उसे आगे नहीं बढ़ाते और भविष्य को नहीं सौंपते
एसोसिएशन होम अनंत सहयोग के अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के मुंबई में मुंबई समाचार की ‘200 नॉट आउट’ कहानी सुनाई। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्य प्रवक्ता श्री एकनाथ शिंदे सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि दो शताब्दियों से अधिक समय तक किसी भी संगठन को चलाना, वह भी स्थानीय अखबार को चलाना, निस्संदेह चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुंबई समाचार ने सच्चाई की मिसाल कायम की है।
एसोसिएशन होम पादरी
श्री शाह ने कहा कि ऐसी सच्चाई हासिल करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी दर्शन से जुड़ा हुआ सरकारी अधिकारी महान काम नहीं कर सकता, जबकि किसी भी दर्शन से जुड़ा कोई भी अखबार महान काम नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि मुंबई समाचार किसी भी दर्शन से जुड़े बिना अपने पाठकों से जुड़ा रहा और उन्हें सच्चाई से अवगत कराता रहा। एसोसिएशन होम पादरी ने कहा कि एक गुजराती जिसने वही कारण दिखाया जिसके लिए झांसी की रानी ने अपने प्राण त्याग दिए, 2014 में प्रतिज्ञा की, ‘मुंबई समाचार’ पहला ऐसा अखबार है जिसने ये दोनों खबरें प्रकाशित कीं।
श्री शाह ने कहा कि यह पहला ऐसा अखबार है जिसने 1857 के क्रांतिकारी आंदोलन, कांग्रेस की स्थापना, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी द्वारा गणेश उत्सव की शुरुआत, गोखले-तिलक के बीच संघर्ष और गांधी जी का सर्वोच्च स्थान पर आना, भारत छोड़ो आंदोलन, नमक सत्याग्रह, स्वतंत्रता दिवस और आजादी के 75 साल जैसे घटनाक्रमों का लेखा-जोखा दिया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि लंबे समय तक अखबार चलाना और समाचार कवरेज के लक्ष्यों का पालन करना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है, जिसे मुंबई समाचार ने पूरा किया है। उन्होंने कहा कि यह संस्था 1962 के भारत-चीन युद्ध, कच्छ भूकंप, स्वतंत्रता संग्राम, संकट के खिलाफ लोगों की लड़ाई जैसे देश के उतार-चढ़ाव के दौरान रिपोर्टिंग के नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए कार्यरत रही।
मुंबई समाचार पत्र के बारे में
उन्होंने कहा कि मुंबई समाचार ने गुजराती को समाचार-प्रसारण में जीवित रखने और लोगों को गुजराती को अपनी भाषा के रूप में शामिल करने के लिए सशक्त बनाने में जबरदस्त प्रतिबद्धता दिखाई है। श्री शाह ने कहा कि इस अखबार का प्रसार अखबार की प्रतिबद्धताओं का वास्तविक संकेत नहीं हो सकता है, उन्होंने कहा, मुंबई समाचार की प्रतिबद्धताएं इसके पाठ्यक्रम से कहीं अधिक हैं।
संस्था के अनंतिम पादरी ने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों में कोई अल्पसंख्यक है, तो वह पारसी हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोगों को पारसी समुदाय से सीखना चाहिए, जो अपने कर्तव्यों के लिए ही अपना जीवन जीते हैं और जिन्होंने बिना कुछ मांगे हर क्षेत्र में योगदान दिया है।
200 Not Out documentary श्री शाह ने कहा कि चाहे देश के कानून, आधुनिक विकास, फिनटेक या IT क्षेत्र की बात हो, पारसी समुदाय सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि गुजरात, गुजराती और भारत मुंबई समाचार के माध्यम से समाचार-प्रसारण के क्षेत्र में कामा परिवार की प्रतिबद्धताओं को हमेशा याद रखेगा।
उन्होंने कहा कि जब मुंबई का नाम बॉम्बे से बदला गया, तो अदालत में पेश किया गया सबसे बड़ा सबूत मुंबई समाचार का नाम था। श्री अमित शाह ने कहा कि भारत की भाषाएं इसकी विरासत हैं और दुनिया के किसी भी देश में इतनी सारी स्थानीय भाषाएं और बोलियां नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति में मूल भाषा में शिक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है। गृह मंत्री ने सभी से कहा कि हमें घर पर मूल रूप से अपनी भाषा में बात करनी चाहिए, इससे बच्चों को हमारी भाषा सीखने में मदद मिलेगी।
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200 Not Out documentary,उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी भाषा से खुद को अलग कर लेंगे, तो हम अपनी जीवनशैली से भी अलग हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी भाषा को बच्चों को नहीं सिखाएंगे, उसे आगे नहीं बढ़ाएंगे और भविष्य को नहीं सौंपेंगे, तब तक हमारा दायित्व समाप्त नहीं होगा।
मुंबई समाचार एशिया का सबसे पुराना समाचार पत्र
200 Not Out documentary :एसोसिएशन होम पादरी ने कहा कि अपनी भाषा को बचाकर, बनाए रखकर, उसे अधिक सार्थक, अनुकूलनीय बनाकर तथा अपनी शब्दावली को उसकी सहयोगी भाषाओं के साथ बेहतर बनाकर हमारी शब्दावली समृद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि होम इश्यूज सेवा ने इस मामले में ठीक से काम किया है तथा हिंदी शब्दावली का विस्तार किया है। श्री शाह ने कहा कि देश भर की स्थानीय भाषाओं से 22,831 शब्द लाकर हमने हिंदी को समग्र भाषा बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा के लिए बहुत कुछ करना चाहिए।
श्री अमित शाह ने कहा कि मुंबई समाचार एशिया का सबसे पुराना तथा दुनिया का तीसरा सबसे पुराना समाचार पत्र है। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा समाचार पत्र अपनी वैधता को बनाए हुए है। श्री शाह ने कहा कि पिछले 200 वर्ष भारत के पूरे अस्तित्व में उतार-चढ़ाव से भरे रहे हैं।
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200 Not Out documentary,उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल और अब आगे का रास्ता साफ, स्पष्ट और शानदार है, लेकिन उससे पहले के 125 साल उतार-चढ़ाव से भरे रहे और इस दौरान मुंबई समाचार ने कभी फायदे के बारे में नहीं सोचा और लगातार समाचार-प्रसारण की भावना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।
श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व
200 Not Out documentary :एसोसिएशन होम प्रीस्ट ने कहा कि 50 मिनट की इस कहानी को हिंदी और अंग्रेजी में बिना एक पल भी बदले नाम दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पूरे देश को पता चलेगा कि स्थानीय भाषा का यह अखबार दो सदी बाद भी बाहर नहीं निकला है और तीसरी सदी पूरी करने के लिए तैयार है।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम ग्यारहवीं से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं।
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उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देखती है। श्री शाह ने कहा कि आज भारत की विकास दर जी-20 देशों में सबसे अधिक है और जल्द ही हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने आजादी के 75 से 100 वर्ष के कालखंड को अमृत काल कहा है और यह यात्रा भारत को विश्व में प्रत्येक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। गृह मंत्री ने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता ने मोदी जी के उस सपने को अपनाया है कि 15 अगस्त 2047 को भारत विश्व में प्रत्येक क्षेत्र में नंबर वन होगा।