Cybersecurity and Cyber Crime: मोदी जी की पहल के तहत, देश एक ‘कम्प्यूटरीकृत विद्रोह’ देख रहा है, नेटवर्क सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए किसी को इसके आकार और पैमाने को समझने की आवश्यकता है
मोदी सरकार
कंप्यूटर आधारित खुफिया जानकारी का उपयोग गधे खातों को पहचानने और उन्हें कार्यात्मक बनाने से पहले बंद करने के लिए किया जाएगा
साइबर अपराध को रोकने के लिए, गृह पादरी ने मोदी जी के ‘रोको-सोचो-तजे गतिविधि’ के मंत्र पर मुद्दों को प्रकाश में लाने पर जोर दिया
मोदी सरकार साइबर अपराधों से निपटने के लिए चार-आयामी प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है: संयोजन, समन्वय, पत्राचार और सीमा

एसोसिएशन होम पादरी ने कहा कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए, आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने और डिजिटल हेल्पलाइन ‘1930’ को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए
इंटरनेट के तीन बुनियादी घटक – प्रोग्रामिंग, डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने में प्रशासन और ग्राहक महत्वपूर्ण हैं।
लोगों ने ‘नेटवर्क सुरक्षा और डिजिटल अपराध’ से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार दिए और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।
Cybersecurity and Cyber Crime
गृह मंत्रालय के अनंतिम सचिव श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘Cybersecurity and Cyber Crime’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, श्री बंदी संजय कुमार, बोर्ड के सदस्य, गृह मंत्रालय के सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान समिति ने ‘Cybersecurity and Cyber Crime’ से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्रालय के अनंतिम सचिव श्री अमित शाह ने कहा कि हाल ही में भारत में डिजिटलीकरण का विस्तार हुआ है, जिसके कारण डिजिटल अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जब हम इंटरनेट को दूसरे नजरिए से देखते हैं तो यह ‘प्रोग्रामिंग’, ‘प्रशासन’ और ‘ग्राहकों’ का एक जटिल संगठन बनाता है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक हम ‘प्रोग्रामिंग’, ‘प्रशासन’ और ‘ग्राहकों’ के माध्यम से डिजिटल धोखाधड़ी को नियंत्रित करने पर विचार नहीं करेंगे, तब तक साइबरस्पेस की समस्याओं का समाधान असंभव होगा।
श्री शाह ने आगे उल्लेख किया कि राज्य के नेता श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर गृह मंत्रालय ने भारत को डिजिटल रूप से सुरक्षित देश बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
FIR की गारंटी
Cybersecurity and Cyber Crime श्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध ने हर भौगोलिक सीमा को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक ‘सीमाहीन’ और ‘अनिर्धारित’ अपराध है, क्योंकि इसकी कोई सीमा या निश्चित संरचना नहीं है।
उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने हाल ही में ‘डिजिटल उथल-पुथल’ देखी है। ‘उन्नत उथल-पुथल’ के आकार और आकार को समझे बिना, हम डिजिटल स्पेस में चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते। एसोसिएशन होम पादरी ने कहा कि आज देश के 95% शहर पूरी तरह से कनेक्टेड हैं और एक लाख ग्राम पंचायतों में वाई-फाई सुविधाएं हैं।
पिछले एक दशक में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में 4.5 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 2024 में यूपीआई के जरिए ₹17.221 लाख करोड़ मूल्य के कुल 246 ट्रिलियन ट्रांजेक्शन किए गए। 2024 में दुनिया भर में डिजिटल ट्रांजेक्शन का 48 प्रतिशत हिस्सा भारत में हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। 2023 में डिजिटल इकोनॉमी का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में योगदान करीब ₹32 लाख करोड़ था, जो 12% है और करीब 15 मिलियन नए निवेश किए गए।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज भारत डिजिटल क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। डिजिटल इकोनॉमी भारत की कुल इकोनॉमी में 20% का योगदान देती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गृह मंत्रालय के उपक्रमों से साइबर अपराध के शून्य मामले और उनकी एफआईआर की गारंटी होगी।
Cybersecurity and Cyber Crime ,एसोसिएशन होम क्लर्जमैन ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए हमने चार तरह की प्रणालियों को अपनाया है, जिसमें संघ, समन्वय, पत्राचार और सीमा शामिल हैं।
इन्हें स्पष्ट लक्ष्यों और एक आवश्यक कार्यप्रणाली के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि गृह मंत्रालय के अंदर देहाती और विभागीय समन्वय को मजबूत किया गया है, जिससे लगातार संचार और डेटा की सुचारू प्रगति सुनिश्चित हुई है।
I4C हेल्पलाइन नंबर
श्री अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, गैजेट्स और आईटी, सीईआरटी-आईएन, आई4सी और दूरसंचार और बैंकिंग जैसे विभागों के बीच डेटा के आदान-प्रदान की एक अच्छी प्रथा ने कई साइबर अपराध मामलों को प्रभावी ढंग से संभालने में मदद की है।

Cybersecurity and Cyber Crime एसोसिएशन होम क्लर्जमैन ने साइबर अपराध को रोकने के लिए आम जनता के बीच मुद्दों को प्रकाश में लाने के महत्व पर जोर दिया और परिषद के सभी सदस्यों से आई4सी हेल्पलाइन नंबर 1930 को बढ़ावा देने का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी को देखते हुए, ‘1930’ हेल्पलाइन एक-बिंदु व्यवस्था प्रदान करती है, जिसमें कार्ड ब्लॉक करने जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि आईडीएफसी बैंक और सभी बैंकों के साथ मिलकर गधा खातों की पहचान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने के प्रयास चल रहे हैं, ताकि उनके स्थान के लिए एक रूपरेखा तैयार की जा सके।
उन्होंने कहा कि हम गधा खातों को चालू होने से पहले ही बंद करने की गारंटी देंगे। एसोसिएशन होम पादरी ने कहा कि सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मंत्र ‘रोको-सोचो-करो’ के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे साइबर अपराधों के प्रति अधिक सतर्क रहें।
इंटरनेट आधारित पाठ्यक्रम
एसोसिएशन होम पादरी ने कहा कि I4C पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हजार एफआईआर दर्ज की गई हैं और 19 करोड़ से अधिक लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा के लिए, I4C के सुझावों के आधार पर 805 आवेदन और 3,266 वेबसाइट लिंक को ब्लॉक किया गया है।
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इसके अलावा, 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थ तैयार हो गए हैं। 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा केंद्र साझा किए गए हैं, 19 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं और 2,038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन को रोका गया है। श्री अमित शाह ने कहा कि 33 राज्यों और संघ क्षेत्रों में डिजिटल अपराध अपराध प्रशिक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं।
‘साइट्रेन’ मंच पर, “बड़े पैमाने पर इंटरनेट आधारित पाठ्यक्रम (MOOC)” मंच पर, 101,561 पुलिसकर्मियों ने नामांकन किया है और 78,000 से अधिक प्रमाण पत्र दिए गए हैं।
पैनल के सदस्यों ने ‘डिजिटल सुरक्षा और डिजिटल अपराध’ से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार दिए और नेटवर्क सुरक्षा में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की सराहना की।