APEDA facilitates first:APEDA ने पोलैंड को अंजीर के रस की पहली खेप भेजी

APEDA facilitates first:बागवानी और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने भारत के सबसे प्रसिद्ध तैयार-पेय अंजीर के रस की खेप भेजी, जिसे GI-लेबल वाले पुरंदर अंजीर से बनाया गया है।

APEDA facilitates first

यह उपलब्धि खेप एपीडा के निदेशक श्री अभिषेक देव द्वारा सभी भागीदारों की मौजूदगी में 1 अगस्त, 2024 को जर्मनी के हैम्बर्ग बंदरगाह से रवाना हुई। यह अवसर भारत के विशेष कृषि उत्पादों को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है।

इस कल्पनाशील अंजीर के रस की यात्रा नई दिल्ली के नोएडा में आयोजित SIAL 2023 के दौरान एपीडा भवन में शुरू हुई। वैश्विक व्यापार सुविधा ने उत्पाद के वैश्विक बाजार में प्रवेश के लिए एक मंच प्रदान किया।

APEDA facilitates first
APEDA facilitates first

पुरंदर गुड कंट्रीज रैंचर्स मेकर ऑर्गनाइजेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित अंजीर के रस ने इस अवसर पर बहुत ध्यान आकर्षित किया और पुरस्कार जीता, जिससे वैश्विक बाजार में इसकी संभावना प्रदर्शित हुई।

इस उत्पाद के विकास और विपणन में एपीडा की निरंतर सहायता और सहयोग महत्वपूर्ण रहा है। 2022 में हैम्बर्ग में नए जीआई-लेबल वाले पुरंदर अंजीर की प्राथमिक वस्तु से शुरू होकर, एपीडा ने छोटे किसानों के साथ मिलकर काम किया है। यह उत्पाद, जिसे एक अस्थायी पेटेंट दिया गया है, बागवानी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें:Kolkata doctor rape-murder: IMA की आज 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल, अस्पताल की OPD बंद, 5 मांगें रखीं

FPC की महत्वपूर्ण भूमिका

APEDA facilitates first
APEDA facilitates first

एपीडा के समर्थन से इटली के रिमिनी में मैकफ्रूट 2024 में अंजीर के रस को भी प्रदर्शित किया गया, जिससे इसकी वैश्विक पहुंच और बढ़ गई। इस अवसर पर खरीदारों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई, जिसमें पोलैंड के व्रोकला के लिए एमजी डील्स एसपी का अनुरोध शामिल है,

Visit: Samadhan Vani

जिसके कारण यह मील का पत्थर व्यापार संभव हुआयह उपलब्धि न केवल भारतीय कृषि-उत्पादों की क्षमता को प्रदर्शित करती है, बल्कि ग्रामीण उत्पादों के मूल्य में सुधार करने में अभिनव कार्य के महत्व को भी उजागर करती है।

APEDA facilitates first
APEDA facilitates first

यह उपलब्धि भारतीय कृषि-उत्पादों की क्षमता और व्यवहार्य ग्रामीण प्रथाओं और उत्पादों को बढ़ावा देने में एफपीसी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

Related Posts

Assurance from DM : ग्रेटर नोएडा के किसानों के संघर्ष के खिलाफ कोई नजरबंदी नहीं

Assurance from DM : किसानों के शांतिपूर्ण विरोध पर बल प्रयोग नहीं किया जाएगा ,किसान नेतृत्व के साथ चर्चा ही गतिरोध को हल करने का तरीका है ,जेल में बंद…

प्रधानमंत्री ने Shri SM Krishna के निधन पर शोक व्यक्त किया

Shri SM Krishna का निधन राज्य के शीर्ष नेता श्री नरेंद्र मोदी ने आज कर्नाटक के पूर्व मुख्य मंत्रीShri SM Krishna के निधन पर शोक व्यक्त किया। श्री मोदी ने…

Leave a Reply